- – यह गीत भोलेनाथ (भगवान शिव) की भक्ति में लिखा गया है, जिसमें उन्हें पीलो (पीने) के लिए भंगिया (भांग) का सेवन करने का आग्रह किया गया है।
- – गीत में भोलेनाथ के विभिन्न रूपों का वर्णन है, जैसे बाघम्बर पीताम्बर और गले में नाग, जो उनकी दिव्यता और शक्ति को दर्शाते हैं।
- – गीत में घूमने जाने की इच्छा और महा नंदीया (महान नदी) का उल्लेख है, जो शिव की यात्रा और प्रकृति से जुड़ाव को दर्शाता है।
- – माथे पर चमचमाता चंदा और चंदन लगाने का वर्णन है, जो शिव की पवित्रता और सौंदर्य को दर्शाता है।
- – यह गीत भांग के सेवन के माध्यम से शिव की आराधना और आनंद की अनुभूति को प्रोत्साहित करता है।

पीलो भोला पीलो,
थोड़ी सी भंगिया पीलो,
पी लो भो ला पी लो,
थोड़ी सी भंगिया पीलो,
थोड़ी सी भंगिया पीलो,
पी लो भोला पी लो,
थोड़ी सी भंगिया पीलो।।
हमी घूमने जाने स्वामी,
हमी घूमने जाने स्वामी,
हमी घूमने जाने स्वामी,
महा नांदिया हठीलो,हठीलो,
थोड़ी सी भंगिया पीलो,
पी लो भोला पी लो,
थोड़ी सी भंगिया पीलो।।
बाघम्बर पीताम्बर सोहे,
बाघम्बर पीताम्बर सोहे,
बाघम्बर पीताम्बर सोहे,
गले नाग जहरीलो, जहरीलो,
थोड़ी सी भंगिया पीलो,
पी लो भोला पी लो,
थोड़ी सी भंगिया पीलो।।
माथे चंदा चमचम चमके,
माथे चंदा चमचम चमके,
माथे चंदा चमचम चमके,
चन्दन पिलो पिलो पिलो,
थोड़ी सी भंगिया पीलो,
पी लो भोला पी लो,
थोड़ी सी भंगिया पीलो।।
पीलो भोला पीलो,
थोड़ी सी भंगिया पीलो,
पी लो भो ला पी लो,
थोड़ी सी भंगिया पीलो,
थोड़ी सी भंगिया पीलो,
पी लो भोला पी लो,
थोड़ी सी भंगिया पीलो।।
