- – कवि कन्हैया (भगवान कृष्ण) के प्रति गहरे प्रेम और भक्ति की भावना व्यक्त करता है।
- – अपने दिल और घर को प्रेम से सजाकर, कन्हैया का स्वागत करने की तैयारी करता है।
- – कन्हैया के भजनों और कीर्तन में मिठास घोलने की इच्छा जताता है।
- – कन्हैया की पावन छवि को देखकर और उनके चरणों से जुड़ने की लालसा व्यक्त करता है।
- – कन्हैया से प्रेम और आशा की अपील करता है कि वे अपने प्रेम का तोहफा कभी न तोड़ें।
- – पूरे गीत में प्रेम और भक्ति की भावना से कन्हैया को समर्पित होने का संदेश है।

प्रेम से भावो से कन्हैया तोल देंगे हम,
तर्ज – अगर तुम मिल जाओ
प्रेम से भावो से कन्हैया तोल देंगे हम,
तेरे स्वागत में दरवाजा ये दिल का खोल देंगे हम,
प्रेम से भावों से कन्हैया तोल देंगे हम।।
बड़े ही चाव से हमने हमारा घर सजाया है,
तेरे आने की खुशियो में तेरा कीर्तन कराया है,
तेरे भजनो में मिश्री सी कन्हैया घोल देंगे हम,
प्रेम से भावों से कन्हैया तोल देंगे हम।।
तेरी प्यारी सी चितवन को कन्हैया हम भी देखेंगे,
तेरे इन पावन चरणों से लिपटकर हम भी देखेंगे,
छुपी है दिल में जो बाते वो तुझसे बोल देंगे हम,
प्रेम से भावों से कन्हैया तोल देंगे हम।।
तेरे इस हर्ष की आशा कन्हैया तोड़ ना देना,
बड़ी उम्मीद लाया हूँ यूँ वापस मोड़ ना देना,
तू आजा प्यार का तोहफा बड़ा अनमोल देंगे हम,
प्रेम से भावों से कन्हैया तोल देंगे हम।।
प्रेम से भावों से कन्हैया तोल देंगे हम,
तेरे स्वागत में दरवाजा ये दिल का खोल देंगे हम,
प्रेम से भावों से कन्हैया तोल देंगे हम।।
