- – भजन में माँ भवानी की आराधना और उनके प्रति भक्त की भक्ति भाव व्यक्त किया गया है।
- – पूजा की थाली सजाकर और चंदन-धूप जलाकर माँ की ज्योत जलाई गई है, जो श्रद्धा का प्रतीक है।
- – भक्त माँ से जगराता कराने, दर्शन देने और सुख-शांति प्रदान करने की प्रार्थना करता है।
- – भजन में भक्त की माँ के प्रति समर्पण और कठिनाइयों के बावजूद उनके चरणों में रहने की इच्छा दर्शाई गई है।
- – यह भजन अविनाश मौर्य द्वारा रचित है और उनके संपर्क नंबर भी दिए गए हैं।

पूजा की थाली सजा रखी है,
मैया तेरी ज्योत जला रखी है,
मन मंदिर में छुपा रखी है,
माता तेरी ज्योत जला रखी है,
मैया तेरी ज्योत जला रखी है।।
तर्ज – और इस दिल में क्या रखा है।
कराया जगराता भवानी आ जाओ,
अपने भक्तो को दरश दिखला जाओ,
अगर तुम आई तो मन ये खिल जाएंगे,
सुखी कलियाँ फिर से चमन हो जाएंगी,
मैं दीवाना हो गया मैया,
आ जाओ मेरी माँ,
आ जाओ मेरी माँ,
चंदन धुप सजा रखी है,
माता तेरी ज्योत जला रखी है,
मैया तेरी ज्योत जला रखी है।।
दीवाना तेरा हूँ तेरे दर आया हूँ,
बड़ी मुश्किल से माँ पता मैं पाया हूँ,
रहूँगा चरणों में नहीं मैं जाऊंगा,
ज़माने की ठोकर मैं खाकर आया हूँ,
बिगड़ी बना दे ओ मेरी मैया,
आ जाओ मेरी माँ,
आ जाओ मेरी माँ,
नजरे क्यूँ हमसे हटा रखी है,
माता तेरी ज्योत जला रखी है,
मैया तेरी ज्योत जला रखी है।।
पूजा की थाली सजा रखी है,
मैया तेरी ज्योत जला रखी है,
मन मंदिर में छुपा रखी है,
माता तेरी ज्योत जला रखी है,
मैया तेरी ज्योत जला रखी है।।
– भजन –
अविनाश मौर्य
संपर्क – 9098200177
