- – यह कविता हनुमान जी के प्रति गहरी आस्था और श्रद्धा व्यक्त करती है, जहाँ उनका घर निराला और पवित्र माना गया है।
- – जो भी यहाँ आकर सच्चे मन से भक्ति करता है, उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- – आस्था के फूलों की माला पहनाने से जीवन के कांटे फूल बन जाते हैं, यानी कठिनाइयाँ आसान हो जाती हैं।
- – भक्तों की सच्ची भावना और भक्ति से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और वे खुशियों से झोली भर देते हैं।
- – लाल सिंदूर और फलों की भेंट से प्रभु चरणों की पूजा की जाती है, जिससे भक्ति और भी प्रगाढ़ होती है।
- – यह कविता भक्ति और श्रद्धा के माध्यम से आध्यात्मिक शांति और मन की इच्छाओं की पूर्ति का संदेश देती है।

प्यारे हनुमान बाला का,
घर है निराला,
यहाँ जिसने भी अलख जगाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
प्यारे हनुमान बाला का,
घर है निराला।।
तर्ज – मेरी प्यारी बहनिया।
आस्था के फूलों की जो,
माला पहनाएंगे,
उनकी राहों के कांटे,
फूल बन जाएंगे,
भूल के जहान सारा,
जिसने यहाँ पर,
शुद्ध भावना की ज्योत जलाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
प्यारे हनूमान बाला का,
घर है निराला।।
भयहारी बाला को,
पुकारते जो मन से,
झोलियाँ वो भर लेते,
खुशियों के धन से,
सच्चे साफ़ दिल से,
जिसने भी आकर,
कथा अपनी प्रभु को सुनाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
प्यारे हनूमान बाला का,
घर है निराला।।
जो भी यहाँ भीग जाते,
भक्ति के रस में,
हो जाते बालाजी तो,
उनके ही बस में,
लाल लाल सिंदूर की,
फलों की जिसने,
प्रभु चरणों में भेंट चढ़ाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
प्यारे हनूमान बाला का,
घर है निराला।।
प्यारे हनुमान बाला का,
घर है निराला,
यहाँ जिसने भी अलख जगाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
प्यारे हनुमान बाला का,
घर है निराला।।
