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- – यह कविता सांवरे (श्री कृष्ण) के ख्वाब और आत्मचिंतन पर आधारित है, जिसमें कवि अपनी गलतियों का हिसाब लगाता है।
- – कवि खुद को एक खामी भरा पुतला बताता है और प्रभु से अपनी गलतियों के लिए माफी मांगता है।
- – कविता में कवि अपने दोषों को स्वीकार करते हुए सजा मांगने की बात करता है।
- – यह रचना भावनात्मक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से गहरी है, जिसमें आत्मावलोकन और पश्चाताप की भावना झलकती है।
- – श्याम के प्रति प्रेम और श्रद्धा कविता की मुख्य थीम है, जो कवि के मन की भावनाओं को व्यक्त करती है।
- – गीत के गायक शुभम रूपम हैं और यह कविता एक भक्ति गीत के रूप में प्रस्तुत की गई है।

रात कल सांवरे का ख्वाब आया,
गलतियों का मेरे हिसाब आया।bd।
तर्ज – तुमको देखा तो ये ख़याल।
श्याम क्या बात है जो रूठ गए,
श्याम क्या बात है जो रूठ गए,
तू गुनहगार है जवाब आया,
गलतियों का मेरे हिसाब आया।bd।
मैं तो पुतला हूँ प्रभु खामी भरा,
मैं तो पुतला हूँ प्रभु खामी भरा,
बेवजह मुझमें क्यों रुवाब आया,
गलतियों का मेरे हिसाब आया।bd।
गर खता है मुझे सजा दे दो,
गर खता है मुझे सजा दे दो,
कौन सा मैं कोई नवाब आया,
गलतियों का मेरे हिसाब आया।bd।
रात कल सांवरे का ख्वाब आया,
गलतियों का मेरे हिसाब आया।bd।
Singer – Shubham Rupam
ये भी देखें – काल रात ने सपनों आयो।
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