- – यह गीत राधा के नाम की भक्ति और प्रेम को दर्शाता है, जिसमें गायक राधा के नाम पर नाचने और झूमने की इच्छा व्यक्त करता है।
- – गीत में वृन्दावन और बरसाने की गलियों का उल्लेख है, जो राधा और कृष्ण की लीला स्थलों के रूप में प्रसिद्ध हैं।
- – राधा के नाम को अमृत का सागर बताया गया है, जो पागल मन को शांति और तृप्ति प्रदान करता है।
- – गायक राधा के नाम की लगन और भक्ति में अपने सारे दुख और चिंताएं भूल जाने की बात करता है।
- – गीत में श्यामा (कृष्ण) और राधा के चरणों की महिमा का गुणगान किया गया है, और उनके चरणों के पुजारी बनने की कामना की गई है।
- – यह भक्ति गीत प्रेम, समर्पण और आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति कराता है, जो श्रोताओं को राधा-कृष्ण की दिव्यता से जोड़ता है।
राधा नाम लेके नाचू झूमूँ गाउँ,
मैं वृन्दावन की गलियन में,
मैं वृन्दावन की गलियन में,
मैं बरसाने की गलियन में।।
तर्ज – तू माने या ना माने दिलदारा।
राधा नाम पे सर्वस्व वारु,
निशदिन राधा नाम पुकारूँ,
निशदिन राधा नाम पुकारूँ,
कृपा श्यामा की हरपल मनाऊं,
राधा नाम लेके नाचु झूमूँ गाउँ,
मैं वृन्दावन की गलियन में,
मैं वृन्दावन की गलियन में,
मैं बरसाने की गलियन में।।
राधा नाम अमृत का सागर,
पागल मन तू भर ले गागर,
पागल मन तू भर ले गागर,
कई जन्मो की प्यास बुझाऊँ,
राधा नाम लेके नाचु झूमूँ गाउँ,
मैं वृन्दावन की गलियन में,
मैं वृन्दावन की गलियन में,
मैं बरसाने की गलियन में।।
राधा नाम की लगन लगा के,
राधा नाम हृदय में बसा के,
सुध बुध तन की बिसराऊँ,
राधा नाम लेके नाचु झूमूँ गाउँ,
मैं वृन्दावन की गलियन में,
मैं वृन्दावन की गलियन में,
मैं बरसाने की गलियन में।।
‘चित्र विचित्र’ गायें महिमा तुम्हारी,
रहे सदा चरणों के पुजारी,
रहे सदा चरणों के पुजारी,
श्यामा चरण कमल रज पाऊं,
राधा नाम लेके नाचु झूमूँ गाउँ,
मैं वृन्दावन की गलियन में,
मैं वृन्दावन की गलियन में,
मैं बरसाने की गलियन में।।
राधा नाम लेके नाचू झूमूँ गाउँ,
मैं वृन्दावन की गलियन में,
मैं वृन्दावन की गलियन में,
मैं बरसाने की गलियन में।।
https://youtu.be/oPFLlgmlAvI
