- – यह गीत भगवान गणपति की स्तुति में लिखा गया है, जो रिद्धि-सिद्धि के दाता माने जाते हैं।
- – गणपति को विघ्न हरने वाला और संसार के सभी भक्तों द्वारा पूजनीय बताया गया है।
- – गीत में भगवान गणपति की कृपा और आशीर्वाद से जीवन सफल होने की बात कही गई है।
- – भगवान गणपति को ज्ञान देने वाला और दयालु बताया गया है, जो भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
- – गीत में गणपति के चरणों में सिर झुकाकर नमन करने की भावना व्यक्त की गई है।
- – यह भजन कमलेश कपूर द्वारा गाया गया है और इसमें भक्तिभाव की गहराई झलकती है।

रिद्धि सिद्धि के दाता हो,
तुम गणपति,
तेरे चरणों में सर को,
नमन कर दिया,
आँखे ऊपर उठी तेरे दर्शन हुए,
तेरे दर्शन ने जीवन,
सफल कर दिया,
रिद्धि सिद्धि के दाता हों,
तुम गणपति,
तेरे चरणों में सर को,
नमन कर दिया।।
तर्ज – मेरे रश्के कमर।
विघ्न हरते हो,
तुम सारे संसार के,
तुमको जो भी पुकारे,
प्रभु प्यार से,
तुमको जो भी पुकारे,
देवा प्यार से,
सारे देवो में पहले,
ही पूजा तुम्हे,
आज देवो ने तुमको,
नमन कर दिया,
रिद्धि सिद्धि के दाता हों,
तुम गणपति,
तेरे चरणों में सर को,
नमन कर दिया।।
ज्ञान देने को तुम,
ज्ञानी हो मोरिया,
रोकी लक्षमण पे रखना,
सदा तुम दया,
तेरी कृपा कपूर पे,
है मोरिया,
जो ना माँगा था बापा,
वो तूने दे दिया,
रिद्धि सिद्धि के दाता हों,
तुम गणपति,
तेरे चरणों में सर को,
नमन कर दिया।।
रिद्धि सिद्धि के दाता हो,
तुम गणपति,
तेरे चरणों में सर को,
नमन कर दिया,
आँखे ऊपर उठी तेरे दर्शन हुए,
तेरे दर्शन ने जीवन,
सफल कर दिया,
रिद्धि सिद्धि के दाता हों,
तुम गणपति,
तेरे चरणों में सर को,
नमन कर दिया।।
Singer : Kamlesh Kapoor
