- – यह गीत भगवान कृष्ण (साँवरिया) की सुंदरता और आकर्षण का वर्णन करता है, जो सज-धज कर मंदिर में बैठे हैं और मुस्कुरा रहे हैं।
- – गीत में कान्हा की आँखों की चमक और उनकी मुस्कान को देखकर भक्तों का मन प्रेम और भक्ति से भर जाता है।
- – भगवान के माथे पर मोर मुकुट और रंग-बिरंगे वस्त्र उनकी दिव्यता और आकर्षण को दर्शाते हैं।
- – मधुर मुरलिया की धुन से वातावरण प्रेम और आध्यात्मिकता से भर जाता है।
- – यह गीत भक्तों को कान्हा की नजर से बचाने और उनकी भक्ति में लीन रहने की प्रेरणा देता है।

सज धज कर बैठ्यो सांवरिया,
यूँ बैठ्यो बैठ्यो मुस्कावे,
चलो नजर उतारे कान्हा की,
कहीं आज नजर ना लग जाए,
सज धज कर बैठ्यो मंदिर में,
यूँ बैठ्यो बैठ्यो मुस्कावे,
सज धज कर बैठ्यो साँवरिया,
यूँ बैठ्यो बैठ्यो मुस्कावे।।
मनभावन प्यारी झांकी है,
यूँ चितवन बाँकी बाँकी है,
नैना सु नैन मिले ज्यूँ ही,
नैना सु नैन मिले ज्यूँ ही,
कोई हुक काळजे बल खावे,
सज धज कर बैठ्यो साँवरिया,
यूँ बैठ्यो बैठ्यो मुस्कावे।।
होटन को रंग सुरंगो है,
या को बागो भी पचरंगो है,
माथे पर मोर मुकुट देखूं,
माथे पर मोर मुकुट देखूं,
भक्ता को मनवा ललचावे,
सज धज कर बैठ्यो साँवरिया,
यूँ बैठ्यो बैठ्यो मुस्कावे।।
मुस्कान तुम्हारी प्यारी है,
ये दिल में प्रेम जगाती है,
जब मधुर मुरलिया बजती है,
जब मधुर मुरलिया बजती है,
यूँ रोम रोम में बस जावे,
सज धज कर बैठ्यो साँवरिया,
यूँ बैठ्यो बैठ्यो मुस्कावे।।
सज धज कर बैठ्यो सांवरिया,
यूँ बैठ्यो बैठ्यो मुस्कावे,
चलो नजर उतारे कान्हा की,
कहीं आज नजर ना लग जाए,
सज धज कर बैठ्यो मंदिर में,
यूँ बैठ्यो बैठ्यो मुस्कावे,
सज धज कर बैठ्यो साँवरिया,
यूँ बैठ्यो बैठ्यो मुस्कावे।।
Singer : Nandu Ji
