- – यह गीत राधा जी और साँवरियो के प्रेम और भक्ति को दर्शाता है, जहाँ राधा जी को सेठाणी के रूप में सम्मानित किया गया है।
- – राधा और साँवरियो की जोड़ी को राजाओं और महारानियों के समान माना गया है, जो एक-दूसरे के साथ सदा खड़े रहते हैं।
- – भक्ति और प्रेम के माध्यम से राधा जी अपने भक्तों की हर चिंता और विपदा दूर करती हैं।
- – राधा जी अपने भक्तों के प्रति दानी और उदार हैं, जो उन्हें सुख-दुख में साथ देते हैं।
- – गीत में यह संदेश है कि राधा और साँवरियो का साथ और प्रेम पूरी दुनिया में जाना-पहचाना है।

साँवरियो है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,
साँवरियों है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,
ये तो जाने दुनिया सारी है।।
तर्ज – एक तेरा साथ हमको।
राजाओं के राजा,
महारानी की रानी,
सिरमौर मुकुट साझे,
जोड़ी बड़ी प्यारी,
दरबार है प्यारा,
राधा के संग साझे,
सुने पलने सेठ,
सुने पलने सेठ,
सुने पलने सेठाणी है,
ये तो जाने दुनिया सारी है।।
सांवरियां राधा जी,
भक्ता पे है राजी,
करे घणो लाड है,
भंडार लुटावे है,
हर बात बणावे है,
भक्ता रा ठाट है,
देवे छप्पर फाड़,
देवे छप्पर फाड़,
नही इनसो कोई दानी है,
ये जाने दुनिया सारी है।।
सुख दुख मे साँवरियो,
सुख दुख मे राधा जी,
सदा तेरे साथ है,
मेरी चिंता दुर करे,
मेरी विपदा दुर करे,
रख लेवे बात है,
भक्ता रो तो काम,
भक्ता रो तो काम,
बस एक हाजरी लगाणि है,
ये जाने दुनिया सारी है।।
साँवरियो है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,
साँवरियों है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,
ये तो जाने दुनिया सारी है।।
