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- – जीवन में कठिनाइयों और समस्याओं के बीच साँवरे (बाबा) की सेवा करने से मन को शांति और सुरक्षा मिलती है।
- – सच्चे संकट के समय सगा भी साथ छोड़ सकता है, लेकिन बाबा ही संकट में सहारा बनते हैं।
- – भगवन की उपदेशों को समझकर और उनका पालन करके जीवन में सुधार और सफलता मिलती है।
- – मन, वचन और कर्म को सही दिशा में रखकर सत्कर्म करने से जीवन के कष्ट कम होते हैं।
- – साँवरे की सेवा में रम जाने वाले लोग दुःखों से बच जाते हैं और उनका जीवन सुखमय होता है।

साँवरे की सेवा में,
जो भी रम जाते है,
बाबा ही संभाले उन्हें,
वो फिर दुःख ना पाते है,
साँवरे की सेवा में।।
तर्ज – आदमी मुसाफिर है।
जीवन में होते इतने झमेले,
इक दिन तो इंसा जाता अकेले,
बिता समय तो पछताते है,
साँवरे की सेवा में।।
अपना सगा हमने जिसको माना,
मुश्किल पड़ी तो निकला बेगाना,
संकट में बाबा ही काम आते है,
साँवरे की सेवा में।।
वक़्त सभी का बनता बिगड़ता,
समझे नजाकत वो है संभलता,
गीता में भगवन समझाते है,
साँवरे की सेवा में।।
मन और वचन कर्म हो ठीक तेरा,
‘चोखानी’ तो फिर कटता है फेरा,
सत कर्म ही ‘गिन्नी’ रह जाते है,
साँवरे की सेवा में।।
साँवरे की सेवा में,
जो भी रम जाते है,
बाबा ही संभाले उन्हें,
वो फिर दुःख ना पाते है,
साँवरे की सेवा में।।
Singer : Ginny Kaur
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
