- – यह गीत सरस्वती सिवरू देवी शारदा माँ की महिमा और उनके गुणगान का वर्णन करता है, जो बीस हथी के देवता के रूप में पूजे जाते हैं।
- – गीत में घण्टियाला गाँव और विसोत माँ के धाम का उल्लेख है, जहाँ भक्तजन दर्शन के लिए आते हैं और माँ की कृपा प्राप्त करते हैं।
- – भक्तों की अरदास सुनने और उनके कष्ट दूर करने के लिए माँ की उपस्थिति का वर्णन किया गया है।
- – चांदनी सातम् दसम् के मेलों का उल्लेख है, जिसमें चारों दिशाओं से माँ की सेविकाएं आती हैं।
- – गीत में सच्चे मन से माँ की भक्ति करने पर जीवन में सुख-शांति और आराम मिलने की बात कही गई है।
- – यह गीत राजस्थान के पाली जिले के रायपुर क्षेत्र से संबंधित है और इसे गायक श्याम पालीवाल ने प्रस्तुत किया है।

सरस्वती सिवरू देवी शारदा माँ,
दोहा – बीस हथी रो देवरो,
कोई नदी किनारे गाँव,
आया रा दुख दूर करे माँ,
राखे छत्तर वाली छाव।
सरस्वती सिवरू देवी शारदा माँ,
सरस्वती सिवरूँ देवी शारदा,
कोई बीस हथी रा गावु गुणगान,
चालो चालो घण्टियाला,
माँ बीस हथी रा गावु गुणगान,
चालो चालो घण्टियाला।।
जैसाणा रे मार्ग गाँव घण्टियाला,
सिंह री असवारी आया बीस भुजाला,
जैसाणा रे मार्ग गाँव घण्टियाला,
सिंह री असवारी आया बीस भुजाला,
कोई विसोत माँ रो बनीयो मोटो धाम,
चालो चालो दर्शन ने,
माता विसोत माँ रो बनीयो मोटो धाम,
चालो चालो दर्शन ने।।
भगता री अरजी सुनने आप पधारीया,
सेवल राजपुरोहित मंगला ये गाया,
भगता री अरजी सुनने आप पधारीया,
सेवल राजपुरोहित मंगला ये गाया,
कोई सबरा बिगड्या सरीया काज,
चालो चालो दर्शन ने,
कोई सबरा बिगड्या सरीया काज,
चालो चालो दर्शन ने।।
चांदनी सातम् दसम् रो मेलो भराया,
चारो दिशा में माँ सेवकीया आया,
चांदनी सातम् दसम् रो मेलो भराया,
चारो दिशा में माँ सेवकीया आया,
कोई विसोत माँ रो मोटो जग में नाम,
चालो चालो दर्शन ने,
कोई घण्टियाला मे बनीयो मोटो धाम,
चालो चालो दर्शन ने।।
साचा मनसु जो कोई ज्योति जगावे,
विसोत माँ ने निशदिन आवे,
साचा मनसु जो कोई ज्योति जगावे,
विसोत माँ जिन पर किरपा यु राखे,
कोई पावे जीवन सुख आराम,
चालो चालो दर्शन ने,
कोई पावे पावे जीवन में सुख आराम,
चालो चालो दर्शन ने।।
किशन सिंहजी माँ थाने मनडे बसाया,
बीस हथी रा गुण थे तो गाया,
किशन सिंहजी माँ थाने मनडे बसाया,
बीस हथी रा गुण थे तो गाया,
करे लालसिंह प्रणाम,
चालो चालो घण्टियाला,
करे लालसिंह प्रणाम,
चालो चालो घण्टियाला।।
सरस्वती सिवरूँ देवी शारदा माँ,
सरस्वती सिवरूँ देवी शारदा,
कोई बीस हथी रा गावु गुणगान,
चालो चालो घण्टियाला,
माँ बीस हथी रा गावु गुणगान,
चालो चालो घण्टियाला।।
गायक – श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818
