- – यह गीत भगवान शिव की भक्ति और उनकी भोलेपन की महिमा का वर्णन करता है, जो पूरे जगत के रक्षक हैं।
- – एक चोर शिव मंदिर में घंटा चुराने की कोशिश करता है, लेकिन शिव की मूरत पर चढ़कर घंटा बज उठता है।
- – शिव की कृपा से चोर का मन बदल जाता है और वह अपनी गलतियों को स्वीकार करता है।
- – भगवान शिव अपने भक्तों को सच्चा वरदान देते हैं और उन्हें दीन-दयालु के रूप में स्वीकार करते हैं।
- – यह गीत शिव की भक्ति, उनकी माया और भक्तों के प्रति उनकी अनुकंपा को दर्शाता है।
- – “बम भोला” का उच्चारण शिव की महिमा और भक्ति का प्रतीक है, जो बार-बार दोहराया गया है।

सारे जग का है वो रखवाला,
हाँ मेरा भोला है जग से निराला,
भोला शंकर है जग से निराला,
बम भोला, बम भोला,
बम भोला, बम भोला, बम भोला।।
एक चोर खड़ा शिव मंदिर में,
पाप था उसके अंदर में,
घंटा आया उसे नज़र,
जो था शिव जी के ऊपर
लेकिन था काफी ऊँचा,
उस तक वो कैसे पहुंचे,
कैसा लालच ने चक्कर में डाला,
हाँ मेरा भोला है जग से निराला,
बम भोला, बम भोला,
बम भोला, बम भोला, बम भोला।।
उपाय समझ जब आता है,
चोर खड़ा मुस्काता है,
शिव मूरत पर वो चढ़कर,
हाथ लगाया घंटे पर,
घंटा घन घन बोल उठा,
चोर का मनवा डोल उठा,
वहां प्रगट हुआ डमरू वाला,
हाँ मेरा भोला है जग से निराला,
बम भोला, बम भोला,
बम भोला, बम भोला, बम भोला।।
मांग मांग बोले शंकर,
ले ले तू मनचाहा वर,
चोर खड़ा कांपे थर थर,
देख रहा इधर उधर,
मैं तो चोर उचक्का हूँ,
झूठा कपटी पक्का हूँ,
बाबा सचमुच है तू भोला भाला,
हाँ मेरा भोला है जग से निराला,
बम भोला, बम भोला,
बम भोला, बम भोला, बम भोला।।
कोई मेवा मोदक लता है,
कोई चन्दन मुझपे चढ़ाता है,
पर तूने तो अपना तन,
कर दिया मुझको अर्पण,
तू भक्त है मेरा चोर नहीं,
तेरे जैसा और नहीं,
झट बोले यूँ दीन दयाला,
बम भोला, बम भोला,
बम भोला, बम भोला, बम भोला।।
सारे जग का है वो रखवाला,
हाँ मेरा भोला है जग से निराला,
बम भोला, बम भोला,
बम भोला, बम भोला, बम भोला।।
