- – यह गीत भगवान शिव की भक्ति में लिखा गया है, जिसमें उन्हें पूरे जगत का एकमात्र और सर्वोच्च माना गया है।
- – गीत में “ॐ नमः शिवाय” का जाप बार-बार किया गया है, जो शिव जी की आराधना का प्रमुख मंत्र है।
- – भक्ति भाव से भरा यह गीत शिव जी के प्रेम, दया और उनके प्रति गहरी श्रद्धा को दर्शाता है।
- – गीत में भगवान शिव को “भोला जोगिया” और “दयालु” बताया गया है, जो सभी के लिए प्रेम और करुणा रखते हैं।
- – यह गीत भक्त के जीवन में शिव जी की उपस्थिति और उनके सुमिरण से मिलने वाली खुशियों को उजागर करता है।
- – गायक उमा लहरी ने इस भक्ति गीत को अपनी मधुर आवाज़ में प्रस्तुत किया है, जो सुनने वालों को आध्यात्मिक आनंद प्रदान करता है।

सारे जगत में एक तू,
तू ही तू ही तू ही तू ही।।
तर्ज – सारे शहर में आप सा कोई नहीं।
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय,
जपले रे जपले रे ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय,
जपले रे जपले रे ॐ नमः शिवाय।
सारे जगत में एक तू,
तू ही तू ही तू ही तू ही,
तू ही, तू ही, तू ही, तू ही,
तू ही, तू ही,
सारे जगत मे एक तू,
तू ही तू ही तू ही तू ही।।
मेरी डोर तुझसे बाबा,
तेरे सुमिरण से ऐसे जुड़ी है,
चाहे जाऊँ जिस तरफ भी,
खुशियाँ बाहे फैलाए खड़ी है
मेरे घर में तेरी प्रेम गंगा बही,
मेरे घर में तेरी प्रेम गंगा बही,
सब है तुझसे मैं क्या था रे कुछ भी नही,
कुछ भी नही, कुछ भी नही,
मेरा तो सब कुछ एक तू,
तू ही तू ही तू ही तू ही,
सारे जगत में एक तू,
तू ही तू ही तू ही तू ही।।
मेरे बाग के ओ माली,
फूल खिलते रहे इस चमन में,
तुझसे और क्या मैं मांगू,
करता हूँ तुझको कोटि नमन मैं,
तू दयालु बड़ा तुझसा कोई नही,
तू दयालु बड़ा तुझसा कोई नही,
सारे संसार में बाबा कोई नही,
कोई नही, कोई नही,
भोला है भोला जोगिया तू ही तू ही,
तू ही, तू ही,
सारे जगत मे एक तू,
तू ही तू ही तू ही तू ही।।
सारे जगत में एक तू,
तू ही तू ही तू ही तू ही,
तू ही, तू ही, तू ही, तू ही,
तू ही, तू ही,
सारे जगत में एक तू,
तू ही तू ही तू ही तू ही।।
Singer : Uma Lahri
