- – यह भजन सतगुरु की महिमा और उनके आशीर्वाद की प्रशंसा करता है, जो जीवन में सही मार्ग दिखाते हैं।
- – भजन में सतगुरु के द्वारा तीन गुणों की स्थापना और धीरे-धीरे शिखर तक पहुंचाने का वर्णन है।
- – सतगुरु की कृपा से मनुष्य को अकल, कला और भक्ति की प्राप्ति होती है तथा जीवन के संघर्षों से मुक्ति मिलती है।
- – भजन में पदम सिंहासन का उल्लेख है, जो मन को स्थिरता और दर्शन का फल प्रदान करता है।
- – गायक जोग भारती जी द्वारा प्रस्तुत यह भजन मनीष सीरवी द्वारा प्रेषित है।

अरे सतगुरु हाथ धरीया सिर ऊपर,
सही सही नाम सुनाया जी,
अमर जडी रा पिया प्याला,
दोई-दोई तार मिलाया जी,
अरे लिया फेक मरदाना अवधु,
मन मेरे मस्ताना ए हा।।
तीन गुणों री बाबा रेण बनाई,
धीरे धीरे शिखर चढाया जी,
अरे यु करे ने बाबा खबरा तो लीनी,
हम से हुकम हलाया जी,
अरे लिया फेक मरदाना अवधु,
मन मेरे मस्ताना ए हा।।
अकल कला ओर भगतर टोपी,
खमीयो रा खडंक समाया जी,
अरे फेर खाक ने तरमर लडीया,
हेमर दूर हटाया जी,
अरे लिया फेक मरदाना अवधु,
मन मेरे मस्ताना ए हा।।
अरे पदम सिहांसन मेरे मन लागो,
दर्शन रा फल पाया जी,
अरे केवे डुंगरपुरी अब नहीं डरना,
अविनाशी वर पाया जी,
अरे लिया फेक मरदाना अवधु,
मन मेरे मस्ताना ए हा।।
अरे सतगुरु हाथ धरीया सिर ऊपर,
सही सही नाम सुनाया जी,
अमर जडी रा पिया प्याला,
दोई-दोई तार मिलाया जी,
अरे लिया फेक मरदाना अवधु,
मन मेरे मस्ताना ए हा।।
गायक – जोग भारती जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818
