- – गीत में सांवरिया से भक्तों की सहायता और रक्षा की प्रार्थना की गई है क्योंकि भक्तों पर विपदा आई है।
- – सांवरिया को विभिन्न रूपों में दर्शाया गया है जो भक्तों की कठिनाइयों में उनका सहारा बनते हैं।
- – भीड़ में नरसी जी के पास गाड़ी चलाने का आग्रह किया गया है, जो सांवरिया की शक्ति और मार्गदर्शन का प्रतीक है।
- – नामदेव और अन्य भक्तों के माध्यम से सांवरिया की महिमा और भक्ति की गहराई को व्यक्त किया गया है।
- – दास ‘देव’ की विनती में सांवरिया से माफी और भक्तों की रक्षा की याचना की गई है।
- – समग्र रूप से यह गीत भक्तों की आस्था, सांवरिया की महिमा और संकट में उनकी सहायता की भावना को उजागर करता है।

सांवरिया अब तो थे नालो,
ओ साँवरिया अब तो थे नालो,
भगता पे विपदा आई है,
अब तो थे आवो,
साँवरिया अब तो थे नालो।।
भगता रे कारण ओ सांवरिया,
नाना रूप धारो,
वो सांवरिया नाना रूप धारो,
भगता पे विपदा आई है,
अब तो थे नालो,
सांवरिया अब तो थे आवो,
सांवरिया अब तो थे आवो।।
भीड़ पडीं जद नरसी जी में,
गाड़ी आप चलावो सांवरिया,
गाड़ी आप चलावो,
छप्पन करोड़ को लाया मायरो,
नानी भात भरायो,
साँवरिया अब तो थे नालो,
साँवरिया अब तो थे नालो।।
नामदेव को छपरो नंदा,
नाई के आया वो सांवरिया,
नाई के आया,
करमा को यो खिचड भायो,
रूज रूज भोग लगायो,
साँवरिया अब तो थे नालो,
साँवरिया अब तो थे नालो।।
दास ‘देव` की अरज विनती,
भगता ने संभालो सांवरिया,
भगता ने संभालो,
भुल चुक ने माफी दिज्यो,
कई बिगड़े थारो,
साँवरिया अब तो थे नालो,
साँवरिया अब तो थे नालो।।
सांवरिया अब तो थे नालो,
ओ साँवरिया अब तो थे नालो,
भगता पे विपदा आई है,
अब तो थे आवो,
साँवरिया अब तो थे नालो।।
गायक / लेखक – देव शर्मा आमा।
8290376657
