- – यह गीत भगवान कृष्ण (साँवरिया) से करुण पुकार है, जो गायों के प्रति हो रहे अत्याचार और उनकी कटाई पर व्यथा व्यक्त करता है।
- – गाय को जननी का दर्जा दिया गया है, लेकिन आज वे तड़प-तड़प कर कट रही हैं, जिससे गीत में गहरा दुख झलकता है।
- – गीत में बचपन की यादें ताजा की गई हैं, जब कृष्ण ने गायों का पालन-पोषण किया, लेकिन अब उन्हें लावारिस छोड़ दिया गया है।
- – गायों की बेबसी और मूकता पर सवाल उठाते हुए, गीत में कृष्ण से उनकी रक्षा करने की गुहार लगाई गई है।
- – यह गीत सामाजिक संदेश देता है कि गायों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है और हमें उनकी रक्षा करनी चाहिए।

साँवरिया सुन ले करुण पुकार,
सांवरिया सुन ले करुण पुकार,
क्यूँ चुप बैठा देख रहा है,
क्यूँ चुप बैठा देख रहा,
तेरी कटती गायें हजार,
सांवरिया सुन ले करुण पुकार,
सांवरिया सुन ले करुण पुकार।।
तर्ज – भगत के वश में है भगवान।
गाय जननी है हमारी,
कान्हा तूने समझाया,
दिया उसे माँ का दर्जा,
इतना था प्यार लुटाया,
तड़प तड़प कटने को बिकती,
तड़प तड़प कटने को बिकती,
रूपए चंद हजार,
सांवरिया सुन ले करुण पुकार,
सांवरिया सुन ले करुण पुकार।।
बिताया बचपन तूने,
गाय का माखन खाकर,
कहाया गोपाला तू,
गायों को ही चराकर,
छोड़ दिया लावारिस उनको,
छोड़ दिया लावारिस उनको,
अब क्यों पालनहार,
सांवरिया सुन ले करुण पुकार,
सांवरिया सुन ले करुण पुकार।।
बेजुबां इस प्राणी ने,
ऐसा तेरा क्या बिगाड़ा,
हुआ है निष्ठुर कितना,
किया क्यों तूने किनारा,
मूक बनाया तूने उनको,
मूक बनाया तूने उनको,
कैसे करे गुहार,
सांवरिया सुन ले करुण पुकार,
सांवरिया सुन ले करुण पुकार।।
अपने बेबस नैनो से,
तुझे है गाय पुकारे,
आएगा मोहन मेरा,
वो तेरी बाँट निहारे,
लाचारी ऐसी क्या तेरी,
लाचारी ऐसी क्या तेरी,
क्यों बनते अनजान,
सांवरिया सुन ले करुण पुकार,
सांवरिया सुन ले करुण पुकार।।
साँवरिया सुन ले करुण पुकार,
सांवरिया सुन ले करुण पुकार,
क्यूँ चुप बैठा देख रहा है,
क्यूँ चुप बैठा देख रहा,
तेरी कटती गायें हजार,
सांवरिया सुन ले करुण पुकार,
सांवरिया सुन ले करुण पुकार।।
Singer : Anil Sharma
