- – यह गीत “सांवरिया तेरी चाहत ने मुझे पागल बना दिया” प्रेम और भक्ति की भावना को व्यक्त करता है।
- – गीत में सांवरिया (श्याम) के प्रति गहरी चाहत और समर्पण दिखाया गया है, जिसने जीवन को पूरी तरह बदल दिया है।
- – प्रेम के कारण व्यक्ति पागल और बैरागी दोनों हो जाता है, जो भावनात्मक उलझन को दर्शाता है।
- – सांवरिया की माया और दया से जीवन में खुशियाँ और नई ऊर्जा आती है।
- – गीत में आत्मिक और भक्ति रस का समावेश है, जो कृष्ण भक्ति की परंपरा से जुड़ा हुआ है।
- – गायक किशोरी कनिष्का जी ने इस गीत को अपनी मधुर आवाज़ में प्रस्तुत किया है।

सांवरिया तेरी चाहत ने,
मुझे पागल बना दिया।
तर्ज – वृन्दावन जाउंगी सखी।
दोहा – तेरा दर ढूंढते ढूंढते,
जिंदगी की शाम हो गई,
तेरा दर देखा जबसे सांवरे,
जिंदगी तेरे नाम हो गई।
पागल बना दिया हमें,
बैरागी बना दिया,
सांवरिया तेरी चाहत ने,
मुझे पागल बना दिया।।
तुझ में है कोई बात सांवरे,
दिल ही लूट लिया,
कोई पिछले जन्म का लेखा है,
किस्मत से श्याम मिला,
मेरी रोती,, आंखों को सांवरिया,
हंसना सिखा दिया,
साँवरिया तेरी चाहत ने,
मुझे पागल बना दिया।।
ना चाहूं मैं सोना चांदी,
ना चाहत कोई,
जब जब आंखें खोलूं सामने,
सूरत हो तेरी,
किसी लायक,, नहीं थी सांवरिया,
मुझे लायक बना दिया,
साँवरिया तेरी चाहत ने,
मुझे पागल बना दिया।।
श्याम के जैसा इस दुनिया में,
कोई दातार नहीं,
ऐसा दयालु है ‘किशोरी’,
करता इनकार नहीं,
‘राही’ का,, जीवन अब सांवरिया,
तेरा हो गया,
साँवरिया तेरी चाहत ने,
मुझे पागल बना दिया।।
पागल बना दिया हमें,
बैरागी बना दिया,
सांवरिया तेरी चाहत ने,
मुझे पागल बना दिया।।
Singer – Kishori Kanishka Ji
– Upload By –
Avinash Mourya
