- – गीत में “सांवरियो” यानी भगवान श्याम के प्रति गहरा भक्ति और विश्वास व्यक्त किया गया है।
- – जब कोई और मदद नहीं कर पाता, तब श्याम भगवान सहायता के लिए आते हैं और काम सफल बनाते हैं।
- – श्याम भगवान को हिवड़े (दिल) की बात सुनने वाला और संकट में विजय दिलाने वाला बताया गया है।
- – भक्तों को श्याम के दर पर आकर विश्वास रखने और समर्पण करने की प्रेरणा दी गई है।
- – गीत में श्याम के प्रति अटूट श्रद्धा और उनकी महिमा का गुणगान किया गया है।
- – स्वर संजय मित्तल जी ने इस भक्ति गीत को मधुरता से प्रस्तुत किया है।

सांवरियो आड़े आवेगो,
जद कोई ना आवेगो,
दुनिया में थारे काम,
सांवरियो काम बनावेगो,
जद कोई ना आवेगो,
दुनिया में थारे काम,
सांवरियो काम बनावेगो।।
तर्ज – घुंघटीयो आड़े आ गयो जी।
भटक भटक जद हार तू जावे,
बणतो काम भी बिगड़यो जावे,
सुणाजे -३, श्याम ने तू हिवड़े री बात,
सुणाजे श्याम ने तू हिवड़े री बात,
म्हारो श्याम धणी है लीले रो असवार,
झट लीले चढ़कर आवेगो,
जद कोई ना आवेगो,
दुनिया में थारे काम,
सांवरियो काम बनावेगो।।
श्याम जितावे हारी बाजी,
श्याम भगत की गाई गाजी,
भगत कोई -३, बिलबिलावे है,
भगत कोई बिलबिलावे है,
यो मोरछड़ी को धारी बाबा श्याम,
भगत ने आय हसावे है,
जद कोई ना आवेगो,
दुनिया में थारे काम,
सांवरियो काम बनावेगो।।
श्याम के दर पे होवे सुणाई,
बस थोड़ी सी थे करलो समाई,
लगी हो – ३, कितनी ही भीड़ अपार,
लगी हो कितनी ही भीड़ अपार,
तू श्याम पे करले आँख मीच विश्वास,
सांवरियो निश्चित आवेगो,
जद कोई ना आवेगो,
दुनिया में थारे काम,
सांवरियो काम बनावेगो।।
सांवरियो आड़े आवेगो,
जद कोई ना आवेगो,
दुनिया में थारे काम,
सांवरियो काम बनावेगो,
जद कोई ना आवेगो,
दुनिया में थारे काम,
सांवरियो काम बनावेगो।।
स्वर – संजय मित्तल जी।
