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सेवक को अपने सांवरे यूँ ना सताइये भजन लिरिक्स – Sevak Ko Apne Sanware Yun Na Sataiye Bhajan Lyrics – Hinduism FAQ

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  • – गीत में भक्त अपने प्रभु से प्रेम और दया की प्रार्थना करता है, जिससे वह सताए नहीं।
  • – भक्त की आँखें प्रभु के दीदार की प्रतीक्षा में हैं और वह प्रेम की प्यासा है।
  • – मीरा और सुदामा के उदाहरण देकर भक्त अपने दुखों के निवारण की कामना करता है।
  • – भक्त अपने आप को प्रभु का दास मानते हुए उनसे कृपा और ध्यान की अपील करता है।
  • – गीत में सेवा भाव और श्रद्धा की भावना प्रमुख रूप से व्यक्त की गई है।

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सेवक को अपने सांवरे,
यूँ ना सताइये,
पलके बिछाये राह तके,
आ भी जाइये,
सेवक को अपने साँवरे,
यूँ ना सताइये।।



नजरो को इंतजार है,

तेरे दीदार का,
बाहें बुला रही प्रभु,
प्यासा हूँ प्यार का,
दौलत ये थोड़ी प्यार की,
दौलत ये थोड़ी प्यार की,
हम पर लुटाईये,
सेवक को अपने साँवरे,
यूँ ना सताइये।।



मीरा के प्यार को प्रभु,

सम्मान दे दिया,
देखी सुदामा की तड़प,
सुख दान दे दिया,
मेरे भी कष्ट सांवरे,
मेरे भी कष्ट सांवरे,
अब तो मिटाईये,
सेवक को अपने साँवरे,
यूँ ना सताइये।।



क्या देखते हो सामने,

कुछ भी ना खास है,
निचे जरा निहारिये,
चरणों में दास है,
‘सोनू’ पे कर करम जरा,
नजरे मिलाईये,
सेवक को अपने साँवरे,
यूँ ना सताइये।।



सेवक को अपने सांवरे,

यूँ ना सताइये,
पलके बिछाये राह तके,
सब आ भी जाये,
सेवक को अपने साँवरे,
यूँ ना सताइये।।

Singer : Sanjay Mittal


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