- – यह गीत देवी शेरावाली की स्तुति में लिखा गया है, जिसमें उनके सौंदर्य और दिव्यता का वर्णन है।
- – गीत में देवी के मुकुट में चमकते सितारों और उनके विभिन्न आभूषणों जैसे टीका, झुमका, कंगना, पायल आदि का उल्लेख है।
- – देवी की शक्ति और कृपा से संसार में उजाला और सवेरा होता है, और भक्तों का मनोबल बढ़ता है।
- – भक्त देवी से आशीर्वाद और संरक्षण की प्रार्थना करते हैं, जिससे उनका जीवन सफल और सुखमय हो।
- – पूरे गीत में भक्ति और श्रद्धा की भावना प्रबल है, जो देवी के प्रति गहरी आस्था को दर्शाती है।

शेरावाली के दो नैन प्यारे प्यारे,
तेरे मुकुट में चमके सितारे,
अब मुझे गगन से क्या लेना क्या लेना,
शेरावाली के दो नैन प्यारें प्यारे,
तेरे मुकुट में चमके सितारे।।
तर्ज – तेरे होंठो के दो फूल प्यारे।
तेरा टीका चमचम चमके,
तेरी बिंदियो से होता उजाला,
तेरा झुमका दमदम दमके,
तेरे होने से होता सवेरा,
तेरी शक्ति है अपार,
तुझको पूजे ये संसार,
मैया अपनी कृपा दिखा जाना दिखा जाना,
शेरावाली के दो नैन प्यारें प्यारे,
तेरे मुकुट में चमके सितारे।।
तेरा चोला चमचम चमके,
तेरी चुनरी से होता सवेरा,
तेरा नेवर दमदम दमके,
तेरी नथनी से होता सवेरा,
मैया एक तेरा साथ,
मेरे सिर पे हो हाथ,
मेरा बेड़ा पार लगा जाना लगा जाना,
शेरावाली के दो नैन प्यारें प्यारे,
तेरे मुकुट में चमके सितारे।।
तेरा कंगना खनखन खनके,
तेरी मेहंदी से होता उजाला,
तेरी पायल छमछम छमके,
तेरे बिछुए से होता सवेरा,
हम आए तेरे द्वार,
लाए सोलह सिंगार,
अब भक्ति का अलख जगा जाना जगा जाना,
शेरावाली के दो नैन प्यारें प्यारे,
तेरे मुकुट में चमके सितारे।।
शेरावाली के दो नैन प्यारे प्यारे,
तेरे मुकुट में चमके सितारे,
अब मुझे गगन से क्या लेना क्या लेना,
शेरावाली के दो नैन प्यारें प्यारे,
तेरे मुकुट में चमके सितारे।।
