मुख्य बिंदु
- – भोलेनाथ के दर्शन पाने का विशेष अवसर मिला है, जिससे मन में शांति और उत्साह का संचार होता है।
- – गंगा जी में स्नान कर, कांवड़ लेकर भोलेनाथ की पूजा करने का महत्व बताया गया है।
- – सावन के महीने की रिमझिम बारिश और कांवड़ियों की भक्ति भावनाओं का वर्णन किया गया है।
- – भांग पीकर और भक्ति में लीन होकर भोलेनाथ की आराधना की जाती है, जिससे मन प्रसन्न होता है।
- – भोलेनाथ के साथ होने पर किसी भी कठिनाई या चिंता का सामना करने में डर नहीं लगता।
- – कावड़ यात्रा और भोलेनाथ की भक्ति में शामिल होना एक शुभ और पावन अनुभव माना जाता है।
भजन के बोल
आज मिल्या मौका,
भोले के दर्शन पाने का,
नीलकण्ठ पै चाल नही,
कोए काम उलहाणे का ॥
हर की पौड़ी जाकै न,
हम गंगा जी मै न्हावा रै,
बम बम बम बम बोल कै,
फेर कांधै कांवड़ ठांवा रै,
भोले नाथ जब साथ,
काम कुछ ना घबराने का,
नीलकण्ठ पै चाल नही,
कोए काम उलहाणे का ॥
मस्त महीना सामण का,
यो रिमझिम पडै फुहार सुणो,
कावड़ियो और भोले नाथ का,
मिलता सही विचार सुणो,
अपणे हाथा घोट घोट के,
भांग पीलाणे का,
नीलकण्ठ पै चाल नही,
कोए काम उलहाणे का ॥
भीमसेन तू चाल बावले,
क्यू ज्यादा घबरावै सै,
जिसनै भोले नाथ बुलावै,
वो ही कावड़ लयावै सै,
भोले नाथ तै मौका सै,
बोलण बतलाने का,
नीलकण्ठ पै चाल नही,
कोए काम उलहाणे का ॥
आज मिल्या मौका,
भोले के दर्शन पाने का,
नीलकण्ठ पै चाल नही,
कोए काम उलहाणे का ॥