मुख्य बिंदु
- – सोमवार का दिन भगवान शिव के दरबार के रूप में मनाया जाता है, जो भंडार से भरा हुआ है और भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
- – माता पार्वती ने कठोर पूजा और भक्ति से शिव शंकर को पाया, जिससे संसार में खुशहाली आई।
- – एक भक्त रोज मंदिर जाकर शिव की पूजा करता था, जिससे उसे अपार खुशी और आशीर्वाद मिला।
- – भक्त बेल पत्र, फल, फूल और दूध चढ़ाकर भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं और सभी में प्रेम फैलाते हैं।
- – भगवान शिव ने भस्मासुर का संहार किया और नारी रूप धारण कर दुष्टों का नाश किया।
- – शिव का भोला रूप, भस्मा से सजा हुआ, ध्यान में मग्न है लेकिन उसकी नजरें संसार पर बनी रहती हैं।
भजन के बोल
आज सोमवार है ये शिव का दरबार है,
भरा हुआ भंडार है,
भोले बन भोले को मनालो,
करेंगे बेड़ा पार है,
आज सोमवार है ॥
कैसे मैया पार्वती ने,
शिव शंकर को पाया है,
शिव शंकर को पाया है,
दिन और रात करी है पूजा,
तब भोला मन पाया है,
तब भोला मन पाया है,
ख़ुशी हुआ संसार है,
ये शिव का दरबार है,
भरा हुआ भंडार है,
भोले बन भोले को मनालो,
करेंगे बेड़ा पार है,
आज सोमवार है ॥
एक भक्त ऐसा था तेरा,
मंदिर रोज ही जाता था,
मंदिर रोज ही जाता था,
रख पिंडी पे पैर वो तेरा,
घंटा रोज चुराता था,
घंटा रोज चुराता था,
खुश उससे हुआ अपार है,
ये शिव का दरबार है,
भरा हुआ भंडार है,
भोले बन भोले को मनालो,
करेंगे बेड़ा पार है,
आज सोमवार है ॥
इक दिन दिए जो दर्शन,
वो मन में घबराया था,
वो मन में घबराया था,
चरण पड़ा तेरे वो भोले,
उठा के गले लगाया था,
उठा के गले लगाया था,
कह दिया जा बेड़ा पार है,
ये शिव का दरबार है,
भरा हुआ भंडार है,
भोले बन भोले को मनालो,
करेंगे बेड़ा पार है,
आज सोमवार है ॥
बेल पत्र फल फुल चढ़ाकर,
खुश होती नर नारी है,
खुश होती नर नारी है,
दूध चढ़ाते भक्त जो तुम पर,
खुश होते भंडारी है,
खुश होते भंडारी है,
करते सबको प्यार है,
ये शिव का दरबार है,
भरा हुआ भंडार है,
भोले बन भोले को मनालो,
करेंगे बेड़ा पार है,
आज सोमवार है ॥
भस्मासुर को वर देकर,
शिव अपने मन तू घबराया,
अपने मन तू घबराया,
करने भस्म उसी को तूने,
नारी रूप था अपनाया,
नारी रूप था अपनाया,
दुष्ट का किया संहार है,
ये शिव का दरबार है,
भरा हुआ भंडार है,
भोले बन भोले को मनालो,
करेंगे बेड़ा पार है,
आज सोमवार है ॥
ऐसा भोला रूप प्रभु का,
जिस्म भभूत लगाया है,
जिस्म भभूत लगाया है,
मेरा भोला बैठा पर्वत,
मगन ध्यान में काया है,
मगन ध्यान में काया है,
पर नजरों में संसार है,
ये शिव का दरबार है,
भरा हुआ भंडार है,
भोले बन भोले को मनालो,
करेंगे बेड़ा पार है,
आज सोमवार है ॥
आज सोमवार है ये शिव का दरबार है,
भरा हुआ भंडार है,
भोले बन भोले को मनालो,
करेंगे बेड़ा पार है,
आज सोमवार है ॥