मुख्य बिंदु
- – सावन के महीने में शिव भक्त गंगा जल से कावड़ भरकर भगवान शिव को चढ़ाते हैं।
- – सावन का समय शिव भक्तों के लिए विशेष होता है, जब वे हर-हर बम बम का जयकारा लगाते हैं।
- – इस महीने में कावड़ियों का मेला लगता है और भक्त बाबा भोलेनाथ से मनोकामनाएं मांगते हैं।
- – सावन के दिन भक्त झूमते-नाचते, शिव शंभू का उत्सव धूमधाम से मनाते हैं।
- – यह समय शिव भक्तों के लिए आनंद और भक्ति का पर्व होता है, जिसमें सभी मिलकर भगवान शिव की पूजा करते हैं।

भजन के बोल
आये है दिन सावन के,
गंगा जल से भर के गगरिया,
गंगा जल से भर के गगरिया,
शिव को कावड़ चढ़ावन के,
आये हैं दिन सावन के,
आये हैं दिन सावन के ॥
यही है दुनिया में देव अकेला,
लगे है यहाँ कावड़ियो का मेला,
आये है दिन शिव भक्तो के,
आये है दिन शिव भक्तो के,
हर हर बम बम गावन के,
आये हैं दिन सावन के,
आये हैं दिन सावन के ॥
यही वो दिन बाबा माल लुटाये,
यहाँ से कोई खाली हाथ ना जाए,
भोलेनाथ से जी भर मांगो,
भोलेनाथ से जी भर मांगो,
आये है दिन मांगण के,
आये हैं दिन सावन के,
आये हैं दिन सावन के ॥
आओ जी सारे झूमो नाचो गाओ,
मचाओ ‘बनवारी’ धमाल मचाओ,
आये है दिन शिव शंभू के,
आये है दिन शिव शंभू के,
हमको पास बुलावन के,
आये हैं दिन सावन के,
आये हैं दिन सावन के ॥
आये है दिन सावन के,
गंगा जल से भर के गगरिया,
गंगा जल से भर के गगरिया,
शिव को कावड़ चढ़ावन के,
आये हैं दिन सावन के,
आये हैं दिन सावन के ॥
