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मुख्य बिंदु
- – यह भजन भगवान शिव के भोले रूप की स्तुति करता है, जिन्हें भोला भंडारी और शम्भू जटाधारी के नाम से पुकारा गया है।
- – भगवान शिव कैलाश पर्वत पर वास करते हैं और अपने भक्तों के कष्ट हरने वाले हैं।
- – वे भक्तों के रक्षक हैं और दुष्टों के लिए भयभीत करने वाले हैं।
- – शिव जी के गले में सर्प की माला है और उनका रूप अद्भुत और प्रिय है।
- – भजन में शिव जी की बैल की सवारी का उल्लेख है, जो उनकी पहचान का प्रतीक है।
- – यह भजन शिव जी की महिमा और उनकी भक्ति में विश्वास को प्रकट करता है।

भजन के बोल
बैल दी सवारी कर आया हो
मेरा भोला भंडारी,
भोला भंडारी मेरा,
शम्भू जटाधारी,
बैल दी सवारी कर आया हो
मेरा भोला भंडारी,
उचियाँ कैलाशा शिव भोले वसदा,
भगता दे जेह्डा कष्ट जो हरदा,
शंकर शंकट हरी हो,
मेरा भोला भंडारी,
बैल दी सवारी कर आया हो
मेरा भोला भंडारी
भगता दा भोला सदा रखवाला,
दुष्टा दे लई बन्दा बाला,
थूढू बाबा जटा ओह खिलारी हो,
मेरा भोला भंडारी,
बैल दी सवारी कर आया हो
मेरा भोला भंडारी
गले विच सरपा दी माला न्यारी,
मृगशाला भी लगदी प्यारी,
कैसा रूप बनाया हो,
मेरा भोला भंडारी,
बैल दी सवारी कर आया हो
मेरा भोला भंडारी
बैल दी सवारी कर आया हो
मेरा भोला भंडारी
भजन वीडियो
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
