मुख्य बिंदु
- – यह गीत भगवान भोलेनाथ (शिव) की महिमा और उनकी विशेषताओं का वर्णन करता है।
- – गीत में भोलेनाथ के डमरु बजाने की प्रार्थना की गई है ताकि हरी कीर्तन में उनकी उपस्थिति महसूस हो।
- – भोलेनाथ के जटा, गंगा, गोरा, गणपति, चंदा, सर्प, भस्मी, और नंदी जैसे विभिन्न रूपों और प्रतीकों का उल्लेख है।
- – गीत में ब्रह्मा और विष्णु को भी शामिल करते हुए, भोलेनाथ से दर्शन देने की विनती की गई है।
- – यह भक्ति गीत शिव की आराधना और उनके दिव्य स्वरूप की स्तुति करता है।

भजन के बोल
भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
कीर्तन में हरी कीर्तन में ॥
शीश भोले के जटा विराजे,
भोले गंगा बहा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में ॥
संग भोले के गोरा विराजे,
ओ भोले गणपति बुला दो आज हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में ॥
कान भोले के कुंडल सोहे,
भोले चंदा चमका दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में ॥
गले भोले के सर्पो की माला,
भोले फुल बरसादो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में ॥
अंग भोले के मृगछाला सोहे,
भोले भस्मी उड़ा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में ॥
चरणों में भोले के नंदी विराजे,
भोले घुघरू बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में ॥
BhaktiBharat Lyrics
ब्रह्मा को ले लाओ विष्णु को ले लाओ,
भोले दर्श दिखा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में ॥
