मुख्य बिंदु
- – यह भजन भोले बाबा (भगवान शिव) की महिमा और भक्ति का वर्णन करता है, जो सभी दुःखों को दूर करते हैं।
- – एक शिकारी ने शिव चौदस की पावन रात पर अनजाने में पूजा की, जिससे उसे वैराग्य और भक्ति का वरदान मिला।
- – पाप और कष्टों से पीड़ित कन्या स्वामिनी को गोकर्ण में शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाने से मोक्ष प्राप्त हुआ।
- – भक्ति और शिव की महिमा से जीवन के सभी दुख कट जाते हैं और मन को शांति मिलती है।
- – बार-बार “भोले बाबा के द्वारे चलो” कहकर भक्तों को शिव की शरण में जाने और भक्ति करने का आह्वान किया गया है।

भजन के बोल
चलो भोले बाबा के द्वारे,
सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,
भोले बाबा भोले बाबा,
भोले बाबा भोले बाबा,
भोले बाबा भोले बाबा,
चलों भोले बाबा के द्वारे,
सब दुःख कटेंगे तुम्हारे ॥
चढ़ा एक शिकारी देखो,
बिल्व वृक्ष पर,
करने को वो शिकार,
शिव चौदस की पावन,
वह रात थी,
अनजाने में हुआ,
प्रहर पूजा संस्कार,
हुए बाबा प्रकट,
बोले मांगो वरदान,
दर्शन कर शिकारी को,
हो आया वैराग्य ज्ञान,
करबद्ध कर वो बोला,
हरी ॐ हरी ॐ,
हरी ॐ हरी ॐ,
करबद्ध कर वो बोला,
दो मुझे भक्ति वरदान,
बने बाबा उसके सहारे,
सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,
चलों भोले बाबा के द्वारे,
सब दुःख कटेंगे तुम्हारे ॥
पाप आचार के कारण कष्ट सहे,
कन्या स्वामिनी ने,
भिक्षा मांगती वो पहुंची,
गोकर्ण में,
मिला बिल्व पत्र उसे,
भिक्षा के रूप में,
बिल्व पत्र अनजाने में,
फेंका शिवलिंग पे,
पुण्य शिवरात्रि व्रत का,
ऐसे पाया उसने,
महिमा से शिव की,
हरी ॐ हरी ॐ,
हरी ॐ हरी ॐ,
महिमा से शिव की,
मोक्ष पाया उसने,
बने बाबा उसके सहारे,
सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,
चलों भोले बाबा के द्वारे,
सब दुःख कटेंगे तुम्हारे ॥
चलो भोले बाबा के द्वारे,
सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,
भोले बाबा भोले बाबा,
भोले बाबा भोले बाबा,
भोले बाबा भोले बाबा,
चलों भोले बाबा के द्वारे,
सब दुःख कटेंगे तुम्हारे ॥
