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गौमता आरती in Hindi/Sanskrit

श्री गौमता जी की आरती
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥
अर्थकाम सद्धर्म प्रदायिनि,
अविचल अमल मुक्तिपददायिनि ।
सुर मानव सौभाग्य विधायिनि,
प्यारी पूज्य नंद छैय्या की ॥

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥

अख़िल विश्‍व प्रतिपालिनी माता,
मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता ।
रोग शोक संकट परित्राता,
भवसागर हित दृढ़ नैय्या की ॥

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥

आयु ओज आरोग्य विकाशिनि,
दुख दैन्य दारिद्रय विनाशिनि ।
सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि,
विमल विवेक बुद्धि दैय्या की ॥

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥

सेवक जो चाहे दुखदाई,
सम पय सुधा पियावति माई ।
शत्रु मित्र सबको दुखदायी,
स्नेह स्वभाव विश्‍व जैय्या की ॥

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥

Shri Gaumata Aarti in English

Shri Gaumata Ji Ki Aarti
Aarti Shri Gaiyya Maiyya Ki,
Aarti Harni Vishv Dhaiyya Ki.
Arthkam Sadharm Pradayini,
Avichal Amal Muktipadadayini.
Sur Manav Saubhagya Vidhayini,
Pyari Pujya Nand Chhaiyya Ki.

Aarti Shri Gaiyya Maiyya Ki,
Aarti Harni Vishv Dhaiyya Ki.

Akhil Vishv Pratipalini Mata,
Madhur Amiy Dughdhann Pradata.
Rog Shok Sankat Paritrata,
Bhavsagar Hit Dridh Naiyya Ki.

Aarti Shri Gaiyya Maiyya Ki,
Aarti Harni Vishv Dhaiyya Ki.

Aayu Oj Arogya Vikashini,
Dukh Dainya Daridry Vinashini.
Sushma Saukhya Samriddhi Prakashini,
Vimal Vivek Buddhi Daiyya Ki.

Aarti Shri Gaiyya Maiyya Ki,
Aarti Harni Vishv Dhaiyya Ki.

Sewak Jo Chahe Dukhdaai,
Sam Pay Sudha Piyawati Mai.
Shatru Mitra Sabko Dukhdaayi,
Sneh Swabhav Vishv Jaiyya Ki.

Aarti Shri Gaiyya Maiyya Ki,
Aarti Harni Vishv Dhaiyya Ki.

Aarti Shri Gaiyya Maiyya Ki,
Aarti Harni Vishv Dhaiyya Ki.

श्री गौमता जी की आरती PDF Download

श्री गौमता जी की आरती का अर्थ

आरती श्री गैय्या मैंय्या की, आरती हरनि विश्‍व धैय्या की

आरती श्री गैय्या मैंय्या की, और आरती हरनि विश्‍व धैय्या की पंक्तियाँ गौ माता के प्रति असीम भक्ति और श्रद्धा को प्रकट करती हैं। इस आरती में भक्त गौ माता की महिमा का गुणगान कर रहे हैं, जो अपने आशीर्वाद से दुनिया का दुःख और संकट हरने की क्षमता रखती हैं। यह पंक्तियाँ गौ माता के प्रति विनम्रता और श्रद्धा का प्रतीक हैं।

अर्थकाम सद्धर्म प्रदायिनि, अविचल अमल मुक्तिपददायिनि

अर्थकाम सद्धर्म प्रदायिनि – गौ माता हमें धर्म, अर्थ और काम (जीवन के चार पुरुषार्थों में से तीन) प्रदान करती हैं। वह हमारी जीवन यात्रा में सही दिशा प्रदान करती हैं, जिससे हम सच्चे धर्म के पथ पर आगे बढ़ सकते हैं।

अविचल अमल मुक्तिपददायिनि – गौ माता अविचल और अमल (अर्थात् स्थिर और निर्मल) हैं, और हमें मुक्ति का मार्ग प्रदान करती हैं। उनकी कृपा से मनुष्य आत्मिक उन्नति और मोक्ष की ओर अग्रसर हो सकता है।

सुर मानव सौभाग्य विधायिनि, प्यारी पूज्य नंद छैय्या की

सुर मानव सौभाग्य विधायिनि – गौ माता देवताओं और मानवों के लिए सौभाग्य की दायिनी हैं। उनके आशीर्वाद से सभी को सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।

प्यारी पूज्य नंद छैय्या की – यह पंक्ति भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला की ओर संकेत करती है, जहाँ वे अपने बचपन में गौ माता के साथ नंद बाबा के आँगन में खेलते थे। गौ माता की पूजा के पीछे इसी स्नेह की भावना है।

अखिल विश्‍व प्रतिपालिनी माता, मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता

अखिल विश्‍व प्रतिपालिनी माता – गौ माता समस्त विश्व का पालन-पोषण करती हैं। उनके दूध और उसके उत्पादों से संसार को पोषण और जीवन शक्ति प्राप्त होती है।

मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता – गौ माता हमें मधुर और अमृत समान दूध प्रदान करती हैं, जो हमारी शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है।

रोग शोक संकट परित्राता, भवसागर हित दृढ़ नैय्या की

रोग शोक संकट परित्राता – गौ माता रोग, शोक और संकटों से हमारी रक्षा करती हैं। उनकी सेवा और पूजा से मनुष्य मानसिक और शारीरिक बीमारियों से मुक्ति पाता है।

भवसागर हित दृढ़ नैय्या की – गौ माता भवसागर (जन्म-मरण के चक्र) से पार कराने वाली दृढ़ नैया (नौका) हैं। उनकी कृपा से मनुष्य आत्मिक उन्नति की ओर अग्रसर हो सकता है।

आयु ओज आरोग्य विकाशिनि, दुख दैन्य दारिद्रय विनाशिनि

आयु ओज आरोग्य विकाशिनि – गौ माता आयु, ओज (ऊर्जा) और आरोग्य को बढ़ाने वाली हैं। उनकी कृपा से व्यक्ति दीर्घायु, शक्तिशाली और स्वस्थ रहता है।

दुख दैन्य दारिद्रय विनाशिनि – गौ माता दुख, दैन्य (दरिद्रता) और गरीबी को नष्ट करने वाली हैं। उनके आशीर्वाद से सभी प्रकार की आर्थिक और मानसिक परेशानियाँ दूर होती हैं।

सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि, विमल विवेक बुद्धि दैय्या की

सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि – गौ माता सुष्मा (सौंदर्य), सौख्य (सुख) और समृद्धि का प्रकाश फैलाती हैं। उनकी कृपा से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वातावरण बना रहता है।

विमल विवेक बुद्धि दैय्या की – गौ माता हमें शुद्ध विवेक और बुद्धि प्रदान करती हैं। उनकी कृपा से मनुष्य में सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है।

सेवक जो चाहे दुखदाई, सम पय सुधा पियावति माई

सेवक जो चाहे दुखदाई – गौ माता अपने सेवकों को जो भी आवश्यकता हो, प्रदान करती हैं, चाहे वह किसी प्रकार की दुःख-दर्द से मुक्ति ही क्यों न हो।

सम पय सुधा पियावति माई – वह अपनी संतान को दूध के रूप में अमृत (सुधा) प्रदान करती हैं, जो जीवन के लिए आवश्यक ऊर्जा का स्रोत है।

शत्रु मित्र सबको दुखदायी, स्नेह स्वभाव विश्‍व जैय्या की

शत्रु मित्र सबको दुखदायी – गौ माता का स्नेह और स्वभाव सभी के लिए एक समान होता है, चाहे वह शत्रु हो या मित्र। उनका आशीर्वाद और कृपा सभी को समान रूप से प्राप्त होती है।

स्नेह स्वभाव विश्‍व जैय्या की – गौ माता का स्नेहपूर्ण और दयालु स्वभाव समस्त संसार को जय (विजय) दिलाने वाला है। उनका आशीर्वाद प्राप्त कर संसार की सभी बाधाओं को पार किया जा सकता है।

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