श्री राम जी का मंदिर,
सुन्दर बनाएँगे हम,
सुन्दर बनाएँगे हम,
मिलकर बनाएँगे हम,
श्री राम जी का मंदिर,
सुन्दर बनाएँगे हम ॥
देखेगी सारी दुनिया,
मंदिर की भव्यता को,
देखेगी सारी दुनिया,
मंदिर की भव्यता को,
पहले और ज्यादा,
बेहतर बनाएँगे हम,
श्री राम जी का मंदिर,
सुन्दर बनाएँगे हम ॥
होने ना देंगे थोड़ी भी,
अर्थ की कमी हम,
होने ना देंगे थोड़ी भी,
अर्थ की कमी हम,
श्री राम वक्त सारे,
पढ़कर बनाएँगे हम,
श्री राम जी का मंदिर,
सुन्दर बनाएँगे हम ॥
मंदिर में विराजेंगे,
श्री राम राजा अपने,
मंदिर में विराजेंगे,
श्री राम राजा अपने,
श्रध्दा से कल्पना से,
गढ़कर बनाएँगे हम,
श्री राम जी का मंदिर,
सुन्दर बनाएँगे हम ॥
श्री राम कृपा से,
अवसर मिला है सुन्दर,
श्री राम कृपा से,
अवसर मिला है सुन्दर,
सेवा से अपना जीवन,
सुखकर बनाएँगे हम,
श्री राम जी का मंदिर,
सुन्दर बनाएँगे हम ॥
श्री राम जी का मंदिर,
सुन्दर बनाएँगे हम,
सुन्दर बनाएँगे हम,
मिलकर बनाएँगे हम,
श्री राम जी का मंदिर,
सुन्दर बनाएँगे हम ॥
श्री राम जी का मंदिर, सुन्दर बनाएँगे हम: भजन का अर्थ
परिचय
यह भजन एक सुंदर मंदिर के निर्माण की भावना को अभिव्यक्त करता है, जिसमें श्री राम की महिमा, श्रद्धा, और भव्यता का गान है। इसे गाकर हम भगवान श्री राम के प्रति अपनी भक्ति को प्रकट करते हैं और उनके मंदिर को अत्यंत भव्य बनाने का संकल्प करते हैं।
श्री राम जी का मंदिर, सुन्दर बनाएँगे हम (मुख्य धारा)
श्री राम जी का मंदिर, सुन्दर बनाएँगे हम, सुन्दर बनाएँगे हम, मिलकर बनाएँगे हम, श्री राम जी का मंदिर, सुन्दर बनाएँगे हम॥
अर्थ
यह पंक्तियाँ मंदिर के निर्माण के सामूहिक संकल्प को प्रदर्शित करती हैं। “मिलकर बनाएँगे हम” का भाव है कि सभी भक्त मिलकर अपने प्रयासों से एक सुंदर मंदिर का निर्माण करेंगे, जो भगवान श्री राम को समर्पित होगा। यह भक्ति और एकता का प्रतीक है।
देखेगी सारी दुनिया, मंदिर की भव्यता को (सौंदर्य और भव्यता)
देखेगी सारी दुनिया, मंदिर की भव्यता को, देखेगी सारी दुनिया, मंदिर की भव्यता को, पहले और ज्यादा, बेहतर बनाएँगे हम, श्री राम जी का मंदिर, सुन्दर बनाएँगे हम॥
अर्थ
इन पंक्तियों में मंदिर की भव्यता को दर्शाने का संकल्प है, जो विश्वभर में प्रसिद्ध होगी। “पहले और ज्यादा, बेहतर बनाएँगे हम” से अभिप्राय है कि हम इस मंदिर को पहले से भी अधिक भव्य बनाएँगे। यह श्री राम के प्रति गहरी श्रद्धा और गौरव का प्रतीक है, जो इसे दुनिया भर में ख्यातिप्राप्त बनाएगा।
होने ना देंगे थोड़ी भी, अर्थ की कमी हम (आर्थिक सहायता का संकल्प)
होने ना देंगे थोड़ी भी, अर्थ की कमी हम, होने ना देंगे थोड़ी भी, अर्थ की कमी हम, श्री राम वक्त सारे, पढ़कर बनाएँगे हम, श्री राम जी का मंदिर, सुन्दर बनाएँगे हम॥
अर्थ
यहां भक्तगण मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक सहायता जुटाने का संकल्प करते हैं। “अर्थ की कमी” नहीं होने देंगे, यह भावना है कि आर्थिक कठिनाइयाँ भी मंदिर निर्माण के मार्ग में बाधा नहीं बनेंगी। यह बताता है कि हम अपनी संपत्ति और संसाधनों से श्री राम के इस पावन कार्य में अर्पित रहेंगे।
मंदिर में विराजेंगे, श्री राम राजा अपने (श्री राम की प्रतिष्ठा)
मंदिर में विराजेंगे, श्री राम राजा अपने, मंदिर में विराजेंगे, श्री राम राजा अपने, श्रध्दा से कल्पना से, गढ़कर बनाएँगे हम, श्री राम जी का मंदिर, सुन्दर बनाएँगे हम॥
अर्थ
इसमें श्री राम को एक राजा के रूप में सम्मानित कर उनके मंदिर में विराजमान करने की बात कही गई है। “श्रद्धा से कल्पना से, गढ़कर बनाएँगे हम” का अर्थ है कि हम अपने प्रेम, श्रद्धा, और मनोबल से इस मंदिर को सजाएँगे और श्री राम को प्रतिष्ठित करेंगे। यह श्री राम की उपस्थिति का अनुभव करने और उन्हें सम्मानित करने का भाव है।
श्री राम कृपा से, अवसर मिला है सुन्दर (कृपा और आशीर्वाद)
श्री राम कृपा से, अवसर मिला है सुन्दर, श्री राम कृपा से, अवसर मिला है सुन्दर, सेवा से अपना जीवन, सुखकर बनाएँगे हम, श्री राम जी का मंदिर, सुन्दर बनाएँगे हम॥
अर्थ
इसमें कहा गया है कि श्री राम की कृपा से भक्तों को यह शुभ अवसर मिला है कि वे उनके लिए मंदिर बना सकें। “सेवा से अपना जीवन, सुखकर बनाएँगे हम” का अर्थ है कि इस सेवा से भक्त अपने जीवन को सार्थक और आनंदमय बना लेंगे। यह श्री राम की कृपा और भक्तों के धन्य जीवन का बोध कराता है।
समापन
श्री राम जी का मंदिर, सुन्दर बनाएँगे हम, सुन्दर बनाएँगे हम, मिलकर बनाएँगे हम, श्री राम जी का मंदिर, सुन्दर बनाएँगे हम॥
अंतिम भाव
यह भजन के समापन में सामूहिक संकल्प और प्रेम की भावनाओं को पुनः प्रकट करता है। सभी भक्त मिलकर श्री राम का एक भव्य मंदिर बनाने की प्रतिज्ञा करते हैं।