- – यह गीत श्याम बाबा की भक्ति में लिखा गया है, जिसमें भक्त अपनी दूर से आई उपस्थिति और श्याम बाबा की महिमा का वर्णन करता है।
- – श्याम बाबा को संकटों में सहारा और दान देने वाला माना गया है, जो भक्तों के लिए संकटों का समाधान करते हैं।
- – भक्ति में श्याम नाम की माला जपने और उनके ध्यान में लगन रखने की बात कही गई है, जिससे मोह, क्रोध, लोभ और अज्ञान दूर होते हैं।
- – खाटू धाम को पवित्र स्थल बताया गया है, जहां श्याम बाबा की भक्ति का विशेष महत्व है।
- – भक्त श्याम बाबा को दीनानाथ और दयालु मानते हुए उनसे जीवन की कठिनाइयों से पार पाने की प्रार्थना करता है।
- – गीत में श्याम बाबा की महिमा और उनके प्रति गहरी श्रद्धा एवं प्रेम व्यक्त किया गया है।

श्याम बाबा आया हूँ मै,
तर्ज – परदेसी परदेसी।
श्याम बाबा श्याम बाबा आया हूँ मै,
बड़ी दुर से बड़ी दुर से,
ओ ऐहलवती का प्यारा देना सहारा,
मुश्किलो से ढूंडा मैंने तेरा ये द्वारा,
श्याम बाबा श्याम बाबा आया हूँ मैं,
बड़ी दुर से बड़ी दुर से।।
खाटुवाले श्याम तुम्ही कहलाते हो,
संकट मे बस काम तुम्ही तो आते हो,
दान शीश का तुम ही देने वाले हो,
लीले घोड़े वाले देव निराले हो,
ओ ऐहलवती का प्यारा देना सहारा,
मुश्किलो से ढूंडा मेने तेरा ये द्वारा,
श्याम बाबा श्याम बाबा आया हूँ मैं,
बड़ी दुर से बड़ी दुर से।।
हरदम तेरा ध्यान लगन मुझे तेरी है,
श्याम नाम की माला हमने फेरी है,
दीनानाथ दयालु बेड़ा पार करो,
काम क्रोध मोह लोभ दुर अज्ञान करो,
ओ ऐहलवती का प्यारा देना सहारा,
मुश्किलो से ढूंडा मेने तेरा ये द्वारा,
श्याम बाबा श्याम बाबा आया हूँ मैं,
बड़ी दुर से बड़ी दुर से।।
खाटु जेसा देखा कोई धाम नही,
श्याम नाम सा पावन जग मे नाम नही,
‘लख्खा’ को तेरी भक्ति सिवा कोई काम नही,
करले भजन ए ‘सरल’ तु लगता दाम नही,
ओ ऐहलवती का प्यारा देना सहारा,
मुश्किलो से ढूंडा मेने तेरा ये द्वारा,
श्याम बाबा श्याम बाबा आया हूँ मैं,
बड़ी दुर से बड़ी दुर से।।
श्याम बाबा श्याम बाबा आया हूँ मै,
बड़ी दुर से बड़ी दुर से,
ओ ऐहलवती का प्यारा देना सहारा,
मुश्किलो से ढूंडा मैंने तेरा ये द्वारा,
श्याम बाबा श्याम बाबा आया हूँ मैं,
बड़ी दुर से बड़ी दुर से।।
