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- – कविता में श्याम की अनुपस्थिति और उसकी खबर न मिलने का दर्द व्यक्त किया गया है।
- – कवि की तीव्र इच्छा है कि वह श्याम को कोई संदेश भेजे, लेकिन बिना कलम के वह संभव नहीं होता।
- – कवि खुद को पक्षी बनकर श्याम तक पहुँचने की कल्पना करता है, पर बिना पंख के उड़ना असंभव है।
- – श्याम की खोज में कवि जोगन बनकर दर-दर भटकने की इच्छा जताता है।
- – बार-बार दोहराए गए श्लोक “बिन खबर हमसे रहा जाता नहीं” से कवि की बेचैनी और प्रतीक्षा की तीव्रता झलकती है।

श्याम की कोई खबर लाता नहीं,
बिन खबर हमसे रहा जाता नहीं।।
जी चाहता है मेरे श्याम,
एक खत लिखूं,
बिन कलम के खत,
लिखा जाता नहीं,
बिन खबर हमसे रहा जाता नहीं,
श्याम की कोई खबर लाता नहीं।।
जी चाहता है मेरे श्याम,
एक पक्षी बनु,
बिन पंख हमसे,
उड़ा जाता नहीं,
बिन खबर हमसे रहा जाता नहीं,
श्याम की कोई खबर लाता नहीं।।
जी चाहता है मेरे श्याम,
तेरी जोगन बनूँ,
दर ब दर हमसे,
फिरा जाता नहीं,
बिन खबर हमसे रहा जाता नहीं,
श्याम की कोई खबर लाता नहीं।।
श्याम की कोई खबर लाता नहीं,
बिन खबर हमसे रहा जाता नहीं।।
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
