- – यह गीत श्याम (भगवान कृष्ण) की भक्ति और उनके दरबार में बुलाने की प्रार्थना है।
- – गीत में भक्त अपने जीवन में श्याम को ही अपना सहारा मानता है और उनसे जुड़ने की इच्छा व्यक्त करता है।
- – श्याम के चरणों में संसार झुकता है और वे सभी की जरूरतें पूरी करते हैं, इसलिए भक्ति की शक्ति पाने की कामना की गई है।
- – गीत में श्याम की लीला और उनकी ज्योति को जीवन की ऊर्जा बताया गया है, जो पूरी दुनिया को चलाती है।
- – सुबह और शाम श्याम के चरणों से जुड़ी होती है, और उनके दरबार में बुलाने की तीव्र इच्छा प्रकट की गई है।
- – पूरी रचना में प्रेम, भक्ति और श्याम के प्रति गहरा समर्पण झलकता है।

श्याम मुझको भी बुला ले,
अपने दरबार में,
मेरी हर सांस रुकी है,
तेरे इन्तजार में,
श्याम मुझको भी बुलाले,
अपने दरबार में।।
तर्ज – थोड़ा सा प्यार हुआ है।
मेरे जीवन का बाबा,
एक तूँ ही है सहारा,
मैंने तुझको ही माना,
मैंने तुझको ही पुकारा,
और कोई ना मिला – २,
सारे संसार में,
श्याम मुझको भी बुलाले,
अपने दरबार में।।
तेरे चरणों में बाबा,
झुकता संसार सारा,
सबकी तूँ झोली भरता,
सबका करता है गुजारा,
भक्ति की शक्ति मिले -२,
तेरे दीदार में,
श्याम मुझको भी बुलाले,
अपने दरबार में।।
ऐसी है लीला तेरी,
ज्योत दिन रात जलती,
तेरी ही ज्योति से बाबा,
सारी दुनिया है चलती,
देदे थोड़ी सी जगह – २,
तेरे दरबार में,
श्याम मुझको भी बुलाले,
अपने दरबार में।।
सुबह तुझसे ही होती,
शाम तुझसे ही ढलती,
तेरे चरणों में बाबा,
सारी खुशियाँ हैं मिलती,
श्याम आ जाओ अब तो – २,
मेरे परिवार में,
श्याम मुझको भी बुलाले,
अपने दरबार में।।
श्याम मुझको भी बुला ले,
अपने दरबार में,
मेरी हर सांस रुकी है,
तेरे इन्तजार में,
श्याम मुझको भी बुलाले,
अपने दरबार में।।
– Singer & Sent By –
Mayank Soni Ji
9414324964
