- – गीत में श्याम के नखरालापन और आकर्षक व्यक्तित्व का वर्णन किया गया है, जो बहुत ही मनमोहक और छैल छबीलो साँवरे हैं।
- – श्याम की मुस्कान और सूरत इतनी प्यारी है कि वह दिल को छू जाती है और मन में बस जाती है।
- – श्याम की खूबसूरती इतनी अद्भुत है कि चंद्रमा भी उसकी तुलना में शरमाए।
- – गीत में श्याम की आँखों को तीर से तुलना की गई है, जो दिल को घायल कर देता है।
- – श्याम की छवि मोहनी और मन को घायल करने वाली है, जिससे लोग उसके प्रेम में पागल हो जाते हैं।
- – पूरे गीत में श्याम के आकर्षण, नखरालापन और रसीलेपन को बड़े ही प्रेम और आदर के साथ प्रस्तुत किया गया है।

श्याम नखरालो है,
बड़ो मतवारो है,
छैल छबीलो साँवरो,
नैना सु तीर चलावे रे,
अरे रे यो तीर चलावे रे,
श्याम नखरालो हैं,
बड़ो मतवारो है,
छैल छबीलो साँवरो।।
तर्ज – हम तुम चोरी से।
सावल सावल सूरत,
मुस्कान बड़ी ही प्यारी,
हिवड़े में बस जावे,
मन बसियो श्याम बिहारी,
बनड़ा सो लाग रहयो,
लाग रहयो,
सजिलो संवारो,
श्याम नखरालो हैं,
बड़ो मतवारो है,
छैल छबीलो साँवरो।।
इतनो सोहनो लागे,
के चंदा भी शरमावे,
लगा दो कला टिका,
कही नजर नही लग जावे,
आज तुम्हे बलिहारी,
बलिहारी,
है रसीलो संवारो,
श्याम नखरालो हैं,
बड़ो मतवारो है,
छैल छबीलो साँवरो।।
छवि मोहनी मोहे,
जो देखे होवे पागल,
‘अंजलि’ भी चैन गवाई,
मन हो जावे रे घायल,
‘चोखानी’ चित चोर है,
चित चोर है,
यो हटीलो संवारो,
श्याम नखरालो हैं,
बड़ो मतवारो है,
छैल छबीलो साँवरो।।
श्याम नखरालो है,
बड़ो मतवारो है,
छैल छबीलो साँवरो,
नैना सु तीर चलावे रे,
अरे रे यो तीर चलावे रे,
श्याम नखरालो हैं,
बड़ो मतवारो है,
छैल छबीलो साँवरो।।
