- – गीत में श्याम (कृष्ण) के सुंदर और आकर्षक श्रृंगार का वर्णन किया गया है, जो काली कमली वाले यार के रूप में प्रस्तुत हैं।
- – श्याम के हाथों में मोर छड़ी, सिर पर मोर मुकुट, कानों में कुण्डल और वैजन्ती हार की सुंदरता का उल्लेख है।
- – उनके बागा (पोशाक) में जरीदार प्यार और हीरे-मोती रत्नों की भरमार बताई गई है।
- – केसरिया चंदन और इत्र की खुशबू से उनका श्रृंगार सुगंधित और मनमोहक है।
- – गेंदा, गुलाब, मोगरा, रजनी-गंधा, जूही, चमेली और कचनार के फूलों से उनका गजरा सजाया गया है।
- – श्याम को कलिकाल के अवतारी और लीला के सवार के रूप में पूजते हुए, उनके नाम में जीवन का सार बताया गया है।

श्याम सलोने का प्यारा श्रंगार है,
कितना सुन्दर सांवलिया सरकार है।।
तर्ज – काली कमली वाला मेरा यार है।
श्याम सलोने का प्यारा श्रंगार है,
कितना सुन्दर सांवलिया सरकार है,
सजा दरबार है की छायी बहार है,
श्याम सलोने का प्यारा श्रंगार है,
कितना सुन्दर सांवलिया सरकार है।।
मोर छड़ी हाथों में विराजे,
मोर मुकुट सिर पे है साजे -३,
कान में कुण्डल गल वैजन्ती हार है,
कान में कुण्डल गल वैजन्ती हार है,
कितना सुन्दर सांवलिया सरकार है।।
बागा इनका बड़ा ही न्यारा,
जरीदार ये प्यार प्यारा -३,
हीरे मोती रत्नों की भरमार है,
हीरे मोती रत्नों की भरमार है,
कितना सुन्दर सांवलिया सरकार है।।
केसरिया चन्दन है सुहाना,
खुशबू उड़े और करे दीवाना -३,
केसर के संग इत्तर की बौछार है,
केसर के संग इत्तर की बौछार है,
कितना सुन्दर सांवलिया सरकार है।।
गेंदा और गुलाब मोगरा,
रजनी-गंधा का है गजरा -३,
जूही चमेली संग महके कचनार है,
जूही चमेली संग महके कचनार है,
कितना सुन्दर सांवलिया सरकार है।।
कलिकाल का ये अवतारी,
लीले की करता है सवारी -३,
तीन बाण का पाया ना कोई पार है,
तीन बाण का पाया ना कोई पार है,
कितना सुन्दर सांवलिया सरकार है।।
बोलो जय श्री श्याम रे भक्तों,
‘निर्मल’ ये कहता है सबको -३,
श्याम नाम में ही जीवन का सार है,
श्याम नाम में ही जीवन का सार है,
कितना सुन्दर सांवलिया सरकार है।।
श्याम सलोने का प्यारा श्रंगार है,
कितना सुन्दर सांवलिया सरकार है,
सजा दरबार है की छायी बहार है,
श्याम सलोने का प्यारा श्रंगार है,
कितना सुन्दर सांवलिया सरकार है।।
