- – यह गीत एक दास की भावनाओं और उसकी श्याम (भगवान कृष्ण) के प्रति हसरत भरी प्रार्थना को दर्शाता है।
- – दास अपने मन की पीड़ा और उदासी को व्यक्त करता है, परन्तु श्याम उसकी व्यथा को नहीं समझ पाते।
- – गीत में दास की आँखों में आंसू और उसके दिल की चोट को बयां किया गया है, जो उसकी निराशा को दर्शाता है।
- – दास श्याम से अपनी तरफ ध्यान देने और उसकी ओर नजर घुमाने की विनती करता है।
- – यह गीत भक्ति और समर्पण की भावना से परिपूर्ण है, जिसमें दास की श्याम के प्रति गहरी श्रद्धा झलकती है।
श्याम तू क्या जाने,
खड़ा है कोने में एक दास,
हसरत से वो तुमको देखे,
हसरत से वो तुमको देखे,
करे यही अरदास,
श्याम तू क्या जानें,
खड़ा है कोने में एक दास।।
आँख से आंसू वो ढलकाए,
बात जिया की कह नहीं पाए,
बात जिया की कह नहीं पाए,
कैसे बताऊँ क्यों है उसका,
मनवा आज उदास,
श्याम तू क्या जानें,
खड़ा है कोने में एक दास।।
फुरसत हो सुनले अफसाना,
चोंट जिगर की देखले कान्हा,
चोंट जिगर की देखले कान्हा,
जान के तुमको अपना बाबा,
आया तेरे पास,
श्याम तू क्या जानें,
खड़ा है कोने में एक दास।।
देख खड़ा है एक सवाली,
आँख में आंसू दामन खाली,
आँख में आंसू दामन खाली,
गम के थपेड़े खाके हो गया,
सेवक आज हताश,
श्याम तू क्या जानें,
खड़ा है कोने में एक दास।।
भीड़ पड़ी है पलक उठाओ,
मेरी ओर भी नजर घुमाओ,
मेरी ओर भी नजर घुमाओ,
‘हर्ष’ सुना है कभी ना लौटा,
दर से कोई निराश,
श्याम तू क्या जानें,
खड़ा है कोने में एक दास।।
श्याम तू क्या जाने,
खड़ा है कोने में एक दास,
हसरत से वो तुमको देखे,
हसरत से वो तुमको देखे,
करे यही अरदास,
श्याम तू क्या जानें,
खड़ा है कोने में एक दास।।
Singer : Sanjay Mittal Ji