- – यह गीत श्याम (भगवान कृष्ण) के प्रति गहरे प्रेम और भक्ति को दर्शाता है।
- – गीत में श्याम को माँ, पिता, गुरु और भगवान के रूप में सम्मानित किया गया है।
- – श्याम की छाया और आशीर्वाद को जीवन की हर सुख-दुख में सहारा बताया गया है।
- – गीत में श्याम के चरणों में प्रेम और श्रद्धा व्यक्त की गई है।
- – यह गीत भक्ति और आत्मीयता का सुंदर मिश्रण है, जो श्याम के प्रति आत्मीय नाता दर्शाता है।

श्याम तुम ही बताओ ना,
ये कैसा अपना नाता है,
मेरे सुख में मेरे दुःख में,
तू ही तो काम आता है,
श्याम तुम ही बताओं ना,
ये कैसा अपना नाता है।।
तर्ज – श्याम से लौ लगाकर।
मेरे तुम माँ पिता गुरु हो,
जो चिंता करते हो मेरी,
मेरी हर सुख सुविधा में,
कभी ना होती है देरी,
क्यों लगता है मेरे सर पे,
क्यों लगता है मेरे सर पे,
तेरे आशीष का छाता है,
श्याम तुम ही बताओं ना,
ये कैसा अपना नाता है।।
मेरे भगवान हो प्यारे,
ये दिल तुम्हे भजता क्यों बोलो,
तेरे चरणों में ‘प्रीती’ का,
ये सर झुकता है क्यों बोलो,
याद आती तेरी जब जब,
याद आती तेरी जब जब,
ये ‘बल्लू’ मुस्कुराता है,
श्याम तुम ही बताओं ना,
ये कैसा अपना नाता है।।
श्याम तुम ही बताओ ना,
ये कैसा अपना नाता है,
मेरे सुख में मेरे दुःख में,
तू ही तो काम आता है,
श्याम तुम ही बताओं ना,
ये कैसा अपना नाता है।।
Singer – Priti Sargam
