- – यह गीत खाटू श्याम जी की भक्ति और उनके प्रति अटूट श्रद्धा को दर्शाता है।
- – भक्तों के बीच प्रेम और एकता की भावना को “सिलसिला खाटू में बाबा” के माध्यम से व्यक्त किया गया है।
- – गीत में श्याम जी के नाम की मस्ती और भक्ति का आनंद लेने का वर्णन है।
- – श्याम जी के परिवार को सबसे बड़ा और मजबूत बताया गया है, जिसकी प्रीत की डोरी कभी टूटती नहीं।
- – जीवन की कठिनाइयों के बावजूद, भक्तों का श्याम जी के प्रति विश्वास और भक्ति कभी कम नहीं होती।
- – गीत की गायिका स्वाति अग्रवाल ने भावपूर्ण तरीके से इस भक्ति गीत को प्रस्तुत किया है।
सिलसिला खाटू में बाबा,
आने का टूटे नहीं,
श्याम के भक्तो का प्यारा,
साथ ये छुटे नहीं।।
तर्ज – सांवली सूरत पे मोहन।
भाव भक्ति की यहाँ पे,
फूटती जो धार है,
तेरे खाटू के अलावा,
और ना फूटे कहीं,
सिलसिला खाटू मे बाबा,
आने का टूटे नहीं।।
लुटता हूँ मस्तियाँ मैं,
श्याम तेरे नाम की,
मस्तियो का ये अखाडा,
सांवरे छुटे नहीं,
सिलसिला खाटू मे बाबा,
आने का टूटे नहीं।।
सारे रिश्तो से बड़ा है,
श्याम का परिवार ये,
प्रीत की डोरी हमारी,
देखना टूटे नहीं,
सिलसिला खाटू मे बाबा,
आने का टूटे नहीं।।
छुट भी जाये जमाना,
मुझको कोई ना गिला,
‘हर्ष’ की मंजिल तू ही है,
दर तेरा छुटे नहीं,
सिलसिला खाटू मे बाबा,
आने का टूटे नहीं।।
सिलसिला खाटू में बाबा,
आने का टूटे नहीं,
श्याम के भक्तो का प्यारा,
साथ ये छुटे नहीं।।
Singer: Swati Agarwal
https://youtu.be/AE2WYNp2k7I
