- – यह भजन भगवान गणपति और पार्वती माता की स्तुति में लिखा गया है, जिसमें उनकी कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना की गई है।
- – भजन में भक्त अपने हृदय के ताले खोलने और ज्ञान के प्रकाश की कामना करता है।
- – भक्ति के मार्ग पर चलने और जीवन के नाव को सही किनारे तक पहुंचाने की विनती की गई है।
- – भजन में भगवान गणपति को “गवरी के नंदा” और “पार्वती के ज्यारा नंदा” के रूप में संबोधित किया गया है।
- – यह भजन श्रद्धा, भक्ति और भगवान की कृपा की महत्ता को दर्शाता है, जिससे जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त हो सके।
- – गायक हरिश सुथार द्वारा प्रस्तुत यह भजन भक्तिमय वातावरण उत्पन्न करता है और मन को शांति प्रदान करता है।

सिमरु गणपति लाडला,
गवरी रे ज्यारा नंदा,
एडी किरपा करो गजानंद,
पार्वती रे ज्यारा नंदा,
भक्ति रे मार्ग हालनो,
लेजो नाव किनारा रे।।
देखे – गौरी के नंदा।
उड़ी उपावन शारदा,
पुरो मारे मनडे री आशा रे,
हिरदे रा ताला खोल दो,
कर लो नी ज्ञान प्रकासा रे,
एडी किरपा करो गजानंद,
पार्वती रे ज्यारा नंदा,
भक्ति रे मार्ग हालनो,
लेजो नाव किनारा रे।।
सिमर रे देवी देवता,
सिमर जुग संसारा रे,
किरपा करने देखलो,
मैं हुं भक्त तुम्हारा ओ,
एडी किरपा करो गजानंद,
पार्वती रे ज्यारा नंदा,
भक्ति रे मार्ग हालनो,
लेजो नाव किनारा रे।।
मेहर करोनि मोटा धनी ओ,
शरणे आपरी आया,
रिद्धि सिद्दी रा बादसाह,
आदुराम गुन गाया ओ,
एडी किरपा करो गजानंद,
पार्वती रे ज्यारा नंदा,
भक्ति रे मार्ग हालनो,
लेजो नाव किनारा रे।।
सिमरु गणपति लाडला,
गवरी रे ज्यारा नंदा,
एडी किरपा करो गजानंद,
पार्वती रे ज्यारा नंदा,
भक्ति रे मार्ग हालनो,
लेजो नाव किनारा रे।।
Singer – Harish Suthar
9323031224
