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- – जीवन अनमोल है, इसलिए हरि (भगवान) का भजन और स्मरण अभी से शुरू करना चाहिए।
- – दुख और समस्याओं से समझौता करने की बजाय, भगवान की भक्ति में लग जाना चाहिए।
- – समय का सदुपयोग करें क्योंकि यह पल फिर वापस नहीं आएगा।
- – संत मीराबाई और कबीरदास जैसे भक्तों ने नाम जप से मोक्ष प्राप्त किया।
- – भक्ति और श्री राधे कृष्णा के स्मरण से जीवन में शांति और उद्धार संभव है।
- – भजन लेखक श्री शिवनारायण वर्मा ने इस संदेश को सरल और प्रभावशाली भाषा में प्रस्तुत किया है।
सोचो न हरि को भजलो,
भजना है अभी से भजलो,
श्री राधे कृष्णा को भजलो।।
तर्ज – समझोता ग़मो से करलो।
रात गई सुबहा आएगी,
जिँदगी ये गई तो,
फिर न आएगी,
मन मानी क्यो करता,
ओ मूरख अज्ञानी,हो,
सोचों न हरि को भजलो,
भजना है अभी से भजलो,
श्री राधे कृष्णा को भजलो।।
जागो प्राणी समय ये जाए,
ऐसा मौका कभी ना आए,
ग्रँथो की बाणी को,
मान ले अब तो प्राणी,हो,
सोचों न हरि को भजलो,
भजना है अभी से भजलो,
श्री राधे कृष्णा को भजलो।।
नाम जपीँ देखो बाई मीराँ,
पार उतर गए दास कबीरा,
जिसने राधेश्याम जपा,
शरण प्रभू की पाई,हो,
सोचों न हरि को भजलो,
भजना है अभी से भजलो,
श्री राधे कृष्णा को भजलो।।
सोचो न हरि को भजलो,
भजना है अभी से भजलो,
श्री राधे कृष्णा को भजलो।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923
वीडियो उपलब्ध नहीं।
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