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- – कवि की मुख्य इच्छा है कि परिवार सुखी और खुशहाल रहे, चाहे जीवन में केवल सूखी रोटी ही क्यों न मिले।
- – कर्ज और आर्थिक तंगी से मुक्त जीवन जीने की कामना व्यक्त की गई है।
- – जीवन में नफरत और अहंकार को छोड़कर प्रेम और विनम्रता को अपनाने की सीख दी गई है।
- – परिवार की खुशहाली और एकता के लिए विश्वास और समर्पण की भावना जताई गई है।
- – कठिनाइयों और संघर्षों के बावजूद संतोष और धैर्य बनाए रखने का संदेश है।

सूखी मिले चाहे रोटी,
मुझे कोई गम नहीं,
रखना सुखी परिवार मेरा,
विनती है बस यही,
सूखी मिलें चाहे रोटी।।
तर्ज – लग जा गले की फिर।
सिर पे ना हो कर्जा कभी,
ना हाथ फैलाऊं कहीं,
दर दर की ठोकर खाऊं ना,
मुझे राह दिखा दो सही
घुट घुट के जीना बाबा,
मेरे बस में अब नहीं,
रखना सुखी परिवार मेरा,
विनती है बस यही,
सूखी मिलें चाहे रोटी।।
नफरत को दिल से निकाल के,
तू प्यारा सीखा देना,
रखा नहीं कुछ गुरुर में,
तू झुकना सिखा देना,
तेरे होते हुए ना डोलूंगा,
ये पूरा है तुझ पे यकीन,
रखना सुखी परिवार मेरा,
विनती है बस यही,
सूखी मिलें चाहे रोटी।।
सूखी मिले चाहे रोटी,
मुझे कोई गम नहीं,
रखना सुखी परिवार मेरा,
विनती है बस यही,
सूखी मिलें चाहे रोटी।।
Singer – R. Kumar
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
