- – यह गीत एक भक्त की माँ शेरवाली मैया से प्रार्थना और विनती को दर्शाता है।
- – गीत में भक्त अपने दुख, अपमान और तिरस्कार के बावजूद माँ से सहायता और आश्रय मांगती है।
- – भक्त अपनी आत्मा की तड़प और मुराद पूरी होने की आस व्यक्त करती है।
- – माँ की कृपा और दर्शन पाने की तीव्र इच्छा गीत में प्रमुख है।
- – भक्त नंगे पांव माँ के द्वार पर आकर जयकारा लगाने का संकल्प लेती है।
- – यह गीत भक्ति, समर्पण और माँ के प्रति गहरी श्रद्धा का प्रतीक है।

सुनले मुराद मेरी ओ मेरी मैया,
जयकारा लगाउंगी शेरवाली मैया,
मैं नंगे पाव आउंगी तेरे द्वारे मैया,
सुनले मुराद मेरी ओ मेरी मैया।।
जग ने रुलाया मुझको,
बहुत सताया मुझको,
किया अपमान मुझको,
बेगाना बनाया मुझको,
चरणों में जगह दे अपनी,
चरणों में जगह दे अपनी ओ मेरी मैया,
नंगे पाव आउंगी शेरावाली मैया,
जयकारा लगाउंगी शेरवाली मैया।।
सुनती हूँ तेरी कृपा,
सब पे बरसती है,
कब होगी आस पूरी,
आत्मा तरसती है,
विनती स्वीकार कर लो,
विनती स्वीकार कर लो शेरोवली मैया
नंगे पाव आउंगी शेरावाली मैया,
जयकारा लगाउंगी शेरवाली मैया।।
द्वार तेरे आने को,
मन ये तरसता है,
दर्शन पाने को,
आँखे बरसती है,
दरश दिखा दे अब तो,
दरश दिखा दे अब तो ज्योतावाली मैया
नंगे पाव आउंगी शेरावाली मैया,
जयकारा लगाउंगी शेरवाली मैया।।
सुनले मुराद मेरी ओ मेरी मैया,
जयकारा लगाउंगी शेरवाली मैया,
मैं नंगे पाव आउंगी तेरे द्वारे मैया,
सुनले मुराद मेरी ओ मेरी मैया।।
Singer – Bhawna Sharma
