- – हनुमान जी ने लक्ष्मण की रक्षा और उनकी जान बचाने का दृढ़ संकल्प लिया है।
- – वे सूरज को भी उगने नहीं देंगे जब तक लक्ष्मण की जान सुरक्षित न हो।
- – हनुमान जी ब्रह्मा से आयु बढ़ाने की प्रार्थना करेंगे ताकि लक्ष्मण लंबी उम्र तक जीवित रहें।
- – वे राम जी के प्रति अपने समर्पण और भक्ति को व्यक्त करते हुए हर संभव प्रयास करने का वादा करते हैं।
- – हनुमान जी लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा के लिए पर्वत तक उठाने को तैयार हैं।
- – यह कविता हनुमान की भक्ति, साहस और लक्ष्मण के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाती है।
सुरज को उगने ना दूँगा,
लक्ष्मण को मरने ना दूँगा,
ये वादा तेरे हनुमान का,
ये वादा तेरे हनुमान का।।
सुरज के पास जाके,
पहले समझाऊंगा,
मान जाए ठीक नहीं तो,
मुख में दबाऊंगा,
छा जाए घोर अँधेरा,
फिर होगा नहीं सवेरा,
ये वादा तेरे हनुमान,
ये वादा तेरे हनुमान का।।
काल का भी काल हूँ मै,
नाम से डरेगा,
बाँध लूँगा मौत फिर,
कोई ना मरेगा,
मेरे रामजी उदास ना होना,
मेरे रहते कभी ना रोना,
ये वादा तेरे हनुमान,
ये वादा तेरे हनुमान का।।
ब्रम्हा जी के पास जाके,
बही खुलवाउंगा,
आयु होगी छोटी तो फिर,
लम्बी करवाऊंगा,
ब्रम्हा की कलम चलेगी,
लक्ष्मण की उमर बढ़ेगी,
ये वादा तेरे हनुमान,
ये वादा तेरे हनुमान का।।
बूटी की तो बात क्या,
पहाड़ ले के आऊंगा,
राम जी के खातिर,
मै तो कुछ भी कर जाऊँगा,
अरे भक्त प्रभु मै तेरा,
कुछ रखिये भरोसा मेरा,
ये वादा तेरे हनुमान,
ये वादा तेरे हनुमान का।।
दीजिये आशीर्वाद मै तो,
बूटी लेने जाता हूँ,
चुटकी बजाके मै तो,
बूटी लेके आता हूँ,
जो लखन के प्राण न लाऊँ
ना अंजनी पुत्र कहाऊँ,
ये वादा तेरे हनुमान,
ये वादा तेरे हनुमान का।।
सुरज को उगने ना दूँगा,
लक्ष्मण को मरने ना दूँगा,
ये वादा तेरे हनुमान का,
ये वादा तेरे हनुमान का।।