- – यह भजन रामदेवजी के आगमन का उत्सव मनाने के लिए है, जिसमें उन्हें असली रूप में दर्शाया गया है।
- – भजन में द्वारकासु से बाबजी के अजमल घर आने का वर्णन है, जहां विष्णु के अवतार के रूप में उनका स्वागत होता है।
- – ढोल नगाड़े, झंकार और भजन-कीर्तन के माध्यम से घर-घर खुशियाँ मनाई जा रही हैं।
- – भजन में भक्तों को जागने और रामदेवजी के आगमन का स्वागत करने के लिए प्रेरित किया गया है।
- – गायक ओम जी प्रजापत द्वारा प्रस्तुत यह भजन श्रवण सिंह राजपुरोहित ने प्रेषित किया है।
- – यह भजन राजस्थान की लोक संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को दर्शाता है।
सुता रेवो तो जागो नींद सु,
बाबो थोरे घरे आया हो,
बाबो म्हारो रामदेवजी,
असली रूप बनायो,
सुता रेवो तो जागो नीद सु,
बाबो थोरे घरे आया हो।।
द्वारकासु चालिया बाबजी,
अजमल घर थी आया जी,
कुंकु रा थी पांगलिया मांडिया,
विष्णु रा अवतारी जी,
सुता रेवो तो जागो नीद सु,
बाबो थोरे घरे आया हो।।
भादुडे री बीज चांदनी,
अजमल घर थी आया ओ,
माता मैणादे लोहरी गावे,
मन ही मन मुस्काया हो,
पालनीया में पोढिया बावजी,
अजमल घर अवतारी ओ,
सुता रेवो तो जागो नीद सु,
बाबो थोरे घरे आया हो।।
ढोल नगाड़ा बाजे नोबता,
झालर रो झंकारोजी,
सखिया हिलमिल मंगला गावे,
घर घर सुखिया चाईं ओ,
सुता रेवो तो जागो नीद सु,
बाबो थोरे घरे आया हो।।
रूनीजा में परचा रे दीना,
मोटो धाम बनायो ओ,
भलहल भालो हाथो में सोवे,
लीले री असवारी ओ,
सुता रेवो तो जागो नीद सु,
बाबो थोरे घरे आया हो।।
पाला रे पाला रे आवा जात्री,
हाथा में नेजा सोवे ओ,
रात्रो थारो जमो जगावे,
जय जयकार मसावे ओ,
सुता रेवो तो जागो नीद सु,
बाबो थोरे घरे आया हो।।
दोई कर जोड़ माली घेवो,
ओमो भजन सुनावे ओ,
मिठो रे माली हरिजस गावे,
वेगा रे वेगा आवोजी,
सुता रेवो तो जागो नीद सु,
बाबो थोरे घरे आया हो।।
सुता रेवो तो जागो नींद सु,
बाबो थोरे घरे आया हो,
बाबो म्हारो रामदेवजी,
असली रूप बनायो,
सुता रेवो तो जागो नीद सु,
बाबो थोरे घरे आया हो।।
गायक – ओम जी प्रजापत।
भजन प्रेषक – श्रवण सिंह राजपुरोहित।
सम्पर्क – +91 90965 58244
https://youtu.be/7bOpR5QOmAg