- – भजन में बाबा बालाजी की भक्ति और आशीर्वाद की बात की गई है।
- – मोटे लड्डुओं पर “राम” लिखने की इच्छा व्यक्त की गई है।
- – भक्ति के फलस्वरूप जीवन में सुख-समृद्धि और संतोष की कामना की गई है।
- – भजन में भक्तों के लिए बाबा से पेट भरने और मिठास भरे शब्दों की प्रार्थना की गई है।
- – सोनीपत में भक्त राजकुमार की भक्ति और सेवा का वर्णन किया गया है।
- – भजन का स्वर नरेंद्र कौशिक ने दिया है और इसे राकेश कुमार ने प्रस्तुत किया है।

सवामणी आले एक काम कर दे,
इन मोटे मोटे लाडूआंं प राम लिख दे।।
बाबा ने ठोक देई ठाडी तिजोरी,
बाबा ने ठोक देई ठाडी तिजोरी,
उनके हाथ मेरे जीवन की डोरी,
मेरे बालाजी का काढ क न भोग धर दे,
इन मोटे मोटे लाडूआंं प राम लिख दे।।
सवामणी रोट मैं तो बाबा का लगाऊं,
सवामणी रोट मैं तो बाबा का लगाऊं,
ऊँ हनुमत ऊँ हनुमत गाऊँ,
भक्ति का फल मन्नै हनुमत दे,
इन मोटे मोटे लाडूआंं प राम लिख दे।।
सवामणी मनै सारः स बाटणी,
सवामणी मनै सारः स बाटणी,
मीठी-मीठी बाणी में मिश्री मिलाणी,
तेरे भक्तां का बाबा पेट भर दे,
इन मोटे मोटे लाडूआंं प राम लिख दे।।
राजकुमार भक्त होया है राजी,
राजकुमार भक्त होया है राजी,
सोनीपत में चौकी लादी,
‘अशोक’ भक्त ने बालाजी वर दे,
इन मोटे मोटे लाडूआंं प राम लिख दे।।
सवामणी आले एक काम कर दे,
इन मोटे मोटे लाडूआंं प राम लिख दे।।
स्वर – नरेंद्र कौशिक।
भजन प्रेषक,
राकेश कुमार
9992976579
