- – ताड़केश्वर और महाकाल का सुमिरन करने से दुख दूर होते हैं और भोलेनाथ कृपा से जीवन में सुख-शांति आती है।
- – भोलेनाथ दयालु और महादानी हैं, जो शीघ्र ही भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
- – भोलेनाथ की महिमा अपार है और उनका कोई पार नहीं कर पाया है।
- – शिव और गौरी के विवाह से गौरीशंकर की उत्पत्ति हुई, जो अमृत और विष दोनों को सहन करने वाले हैं।
- – विष पीने के समय भी भोलेनाथ का स्मरण करने से विष का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
- – यह भजन भोलेनाथ की महिमा और भक्तों के प्रति उनकी दया का सुंदर वर्णन करता है।

ताड़केश्वर का सुमिरन करो,
महाकाल का चिंतन करो,
दुखड़ो को हर लेगा भोलानाथ ये,
खाली झोली भर देगा भोलानाथ ये।।
तर्ज – आने से उसके आए बहार।
ताड़केश्वर के दर पे,
जो भी आकर के शीश झुकाए,
बाबा बड़ा है दयालु,
ये तो पल में ही मोहित हो जाए,
सुन लेगा अर्जी तेरी,
बड़ा महादानी है भोलानाथ ये,
बड़ा महादानी है भोलानाथ ये।।
भोलेनाथ की महिमा,
का पार किसी ने ना पाया,
‘अभिषेक’ कहे बाबा को,
मैं जो कुछ भी तुमने बनाया,
भोला है शंकर बड़ा,
और जटाधारी है भोलानाथ ये,
और जटाधारी है भोलानाथ ये।।
गौरी से ब्याह किया और,
वो तो गौरीशंकर कहाए,
अमृत पिया देवो ने,
विष पीने की बारी जो आए,
स्मरण किया भोले का,
विष को भी पी जाए भोलानाथ ये,
विष को भी पी जाए भोलानाथ ये।।
ताड़केश्वर का सुमिरन करो,
महाकाल का चिंतन करो,
दुखड़ो को हर लेगा भोलानाथ ये,
खाली झोली भर देगा भोलानाथ ये।।
– गायक एवं लेखक –
अभिषेक शर्मा 9782746976
