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- – यह कविता या गीत सबल सिंह बोरी को समर्पित है, जिसमें उनकी याद और चर्चा का उल्लेख है।
- – कवि या गायक मुकेश शर्मा ने अपने भावनात्मक अनुरोध में सबल सिंह बोरी से मिलने की विनती की है।
- – गीत में सबल सिंह बोरी के प्रति श्रद्धा और उनके गुरु नागे गुरु के प्रति भक्ति भाव प्रकट किया गया है।
- – कवि ने अपने जीवन की डोरी सबल सिंह बोरी के हाथ में सौंपने की इच्छा जताई है।
- – यह रचना प्रेम, भक्ति और सम्मान की भावनाओं से ओतप्रोत है, जिसमें पारंपरिक और सांस्कृतिक तत्व भी शामिल हैं।
तनै याद करें स तेरी चर्चा होरी,
तनै आना होगा सबल सिंह बोरी।।
क्यूँ देर करै स तेरी बाट निहारु,
तु बोल पड़े न मै रुके मारु हो,
तेरी ज्योत प किसी जगमग होरी,
तनै आना होगा सबल सिंह बोरी।।
तेरी सिगरेट लादी क्यूँ करै वार स,
धरे पांच लाडू तेरा भोग त्यार स,
मनै देसी घी की भरी र कटोरी,
तनै आना होगा सबल सिंह बोरी।।
हो नागे गुरु का तु चेला प्यारा,
कांधे दूनाली तेरा रूप स न्यारा हो,
तेरी कीरपा बिन मेरी किस्मत सोरी,
तनै आना होगा सबल सिंह बोरी।।
इस मदनसिंह क एक मर्ज़ स,
करै मुकेश शर्मा दयालु अर्ज़ स,
बस तेरे हाथ मैं सौंपू जीवन डोरी,
तनै आना होगा सबल सिंह बोरी।।
तनै याद करें स तेरी चर्चा होरी,
तनै आना होगा सबल सिंह बोरी।।
गायक – मुकेश शर्मा।
प्रेषक – दीपक सोनी।
9255910203
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