- – यह गीत “तेरा अजब बना स्थान” भगवान के प्रति भक्ति और श्रद्धा व्यक्त करता है, जो ऊँचे पर्वत पर स्थित है।
- – गीत में भगवान के द्वार पर भीड़ लगी हुई है, जहाँ सभी भक्त समान रूप से पूजा करते हैं।
- – भक्त विभिन्न प्रकार के भेंट चढ़ाते हैं, जैसे लाल चुनरिया, फूल और पान।
- – नर और नारी सभी भगवान की संतान माने गए हैं, जो उनकी माता समान हैं।
- – भगवान की दया और कृपा पाने की कामना की गई है, जिससे जीवन में कल्याण हो सके।
- – गीत में भगवान के स्थान की महिमा और उसकी पवित्रता को बार-बार दोहराया गया है।
तेरा अजब बना अस्थान,
ऊँचे पर्वत पर,
पर्वत पर हो पर्वत पर,
पर्वत पर हो पर्वत पर,
तेरा अजब बना स्थान,
ऊँचे पर्वत पर।।
तर्ज – तूने अजब रचा भगवान।
भीड़ लगी है तेरे द्वारे,
भीड़ लगी है तेरे द्वारे,
सभी तेरी नजर में समान,
ऊँचे पर्वत पर।
तेरा अजब बना स्थान,
ऊँचे पर्वत पर।।
कोई चढ़ाये लाल चुनरिया,
कोई चढ़ाये लाल चुनरिया,
कोई फूल चढ़ाये कोई पान,
ऊँचे पर्वत पर।
तेरा अजब बना स्थान,
ऊँचे पर्वत पर।।
नर नारी सब तेरे माता,
नर नारी सब तेरे माता,
हम सब है तेरी संतान,
ऊँचे पर्वत पर।
तेरा अजब बना स्थान,
ऊँचे पर्वत पर।।
तेरी दया की भीख मिले जो,
तेरी दया की भीख मिले जों,
हो जाए मेरा कल्याण,
ऊँचे पर्वत पर।
तेरा अजब बना स्थान,
ऊँचे पर्वत पर।।
तेरा अजब बना अस्थान,
ऊँचे पर्वत पर,
पर्वत पर हो पर्वत पर,
पर्वत पर हो पर्वत पर,
तेरा अजब बना स्थान,
ऊँचे पर्वत पर।।
Singer : Tripti Shakya