- – यह गीत एक भक्त की अपनी सांवरे (भगवान) के प्रति गहरी श्रद्धा और भरोसे को दर्शाता है।
- – गीत में जीवन के संघर्षों और धोखे के बाद भगवान के द्वार पर आश्रय लेने की भावना व्यक्त की गई है।
- – भक्त अपने दिल के तार भगवान से जोड़कर पूरी दुनिया की माया छोड़ देता है और उनसे साथ निभाने की प्रार्थना करता है।
- – जीवन के हर पहलू को भगवान के नाम समर्पित करने और उनके दर पर शीश झुकाने की विनम्र अरदास की बात कही गई है।
- – गीत में भगवान से लाज और सम्मान रखने की गुजारिश की गई है, जो भक्त की पूरी आशा और सहारा हैं।
- – यह गीत पंकज पंडित जी द्वारा स्वरबद्ध और श्री प्रमोद चोखानी जी द्वारा लिखा गया है।

तेरा भरोसा है तेरा ही सहारा है,
सुनो सांवरे लाज रख लो मेरी,
सुनो सांवरे लाज रख लो मेरी।।
तर्ज – ये रेशमी जुल्फे ये शरबती।
मैंने जग पे भरोसा बहुत ही किया,
मुझको पग पग पे सबने है धोखा दिया,
जग वालों से हार के मैं,
आया तेरे द्वार पर मैं,
सुनो सांवरे लाज रख लो मेरी,
सुनो सांवरे लाज रख लो मेरी।।
दिल के तारों को तुमसे है जोड़ लिया,
सारी दुनिया की माया को छोड़ दिया,
अपना बना लो साँवरिया,
साथ निभा दो साँवरिया,
सुनो सांवरे लाज रख लो मेरी,
सुनो सांवरे लाज रख लो मेरी।।
अपने खाते में मेरा भी नाम लिख दो,
तेरी चौखट पे जीवन की शाम लिख दो,
‘चोखानी’ अरदास करें,
तेरे दर पर शीश धरे,
सुनो सांवरे लाज रख लो मेरी,
सुनो सांवरे लाज रख लो मेरी।।
तेरा भरोसा है तेरा ही सहारा है,
सुनो सांवरे लाज रख लो मेरी,
सुनो सांवरे लाज रख लो मेरी।।
स्वर – पंकज पंडित जी।
लेखक – श्री प्रमोद चोखानी जी।
