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तेरस कब है इस महीने में [त्रयोदशी] – Teras Kab Hai 2025

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तेरस कब है इस महीने में [त्रयोदशी] – Teras Kab Hai 2025

परिचय
हिंदू पंचांग में त्रयोदशी तिथि, जिसे तेरस भी कहा जाता है, हर महीने दो बार आती है – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में। पूरे वर्ष में यह तिथि 24 बार आती है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यदि आप तेरस तिथि की सटीक तारीख, दिन और इसका महत्व जानना चाहते हैं, तो इस लेख को ध्यान से पढ़ें। यहाँ आपको आगामी तिथियों के साथ-साथ तिथि से जुड़े रोचक तथ्य और कैलेंडर की जानकारी दी जाएगी।


तेरस तिथि का महत्व

त्रयोदशी तिथि का हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान है। इस दिन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। इसे शुभ कार्यों, दान-पुण्य, और व्रत के लिए अत्यंत उपयुक्त माना गया है। भक्तजन इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करते हैं, क्योंकि यह तिथि उन्हें समर्पित मानी जाती है।


तेरस तिथि 2025 का कैलेंडर

नीचे दी गई तालिका में 2025 की सभी त्रयोदशी तिथियों का विवरण दिया गया है, जिसमें तिथि और दिन की जानकारी शामिल है:

तारीखपक्षवार
12 जनवरी 2025शुक्ल पक्षरविवार
27 जनवरी 2025कृष्ण पक्षसोमवार
11 फरवरी 2025शुक्ल पक्षमंगलवार
25 फरवरी 2025कृष्ण पक्षमंगलवार
13 मार्च 2025शुक्ल पक्षगुरुवार
27 मार्च 2025कृष्ण पक्षगुरुवार
11 अप्रैल 2025शुक्ल पक्षशुक्रवार
25 अप्रैल 2025कृष्ण पक्षशुक्रवार
11 मई 2025शुक्ल पक्षरविवार
25 मई 2025कृष्ण पक्षरविवार
9 जून 2025शुक्ल पक्षसोमवार
24 जून 2025कृष्ण पक्षमंगलवार
9 जुलाई 2025शुक्ल पक्षबुधवार
24 जुलाई 2025कृष्ण पक्षबुधवार
8 अगस्त 2025शुक्ल पक्षशुक्रवार
22 अगस्त 2025कृष्ण पक्षशुक्रवार
6 सितंबर 2025शुक्ल पक्षशनिवार
21 सितंबर 2025कृष्ण पक्षरविवार
6 अक्टूबर 2025शुक्ल पक्षसोमवार
20 अक्टूबर 2025कृष्ण पक्षसोमवार
4 नवंबर 2025शुक्ल पक्षमंगलवार
19 नवंबर 2025कृष्ण पक्षबुधवार
3 दिसंबर 2025शुक्ल पक्षबुधवार
18 दिसंबर 2025कृष्ण पक्षगुरुवार

नोट

ऊपर दी गई तालिका में 2025 की सभी त्रयोदशी तिथियों की सटीक जानकारी दी गई है। आप इन तिथियों को देखकर अपनी पूजा और व्रत की योजना बना सकते हैं।

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त्रयोदशी से जुड़े धार्मिक अनुष्ठान और परंपराएं

  1. पूजा-पाठ:
    इस दिन भक्तजन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करते हैं। शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, और दूध चढ़ाने से विशेष पुण्य मिलता है।
  2. दान-पुण्य:
    तेरस को गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना बहुत शुभ माना जाता है। भोजन, वस्त्र, और धन का दान इस दिन विशेष फलदायी होता है।
  3. व्रत और उपवास:
    तेरस के दिन व्रत रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह व्रत स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए किया जाता है।

निष्कर्ष

त्रयोदशी तिथि, जिसे तेरस भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। धार्मिक अनुष्ठानों, व्रत, और दान के माध्यम से इस दिन को खास बनाया जा सकता है। ऊपर दिए गए तिथि कैलेंडर की मदद से आप तेरस की सटीक तारीख और दिन जान सकते हैं और इस शुभ अवसर का लाभ उठा सकते हैं।

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