- – यह गीत प्रेम और विरह की भावनाओं को व्यक्त करता है, जिसमें प्रेमी अपने प्रिय के बिना जीने या मरने की कल्पना भी नहीं कर पाता।
- – गीत में श्याम और राधा के प्रेम का उल्लेख है, जो गोकुल की पृष्ठभूमि में आधारित है।
- – प्रेमी श्याम से अपने प्यार की पुष्टि चाहता है और दूरियों को सहन नहीं कर पाता।
- – गीत में प्रेम की गहराई और दर्द को सुंदर और भावुक भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
- – गायक पंकज रोहटीया ने इस गीत को अपनी आवाज़ से जीवंत किया है।

तेरे बिना सांवरे ना रह सकूँ,
ना जी सकूँ मैं ना मर सकूँ,
ना जी सकूँ मैं ना मर सकूँ,
तेरे बिना साँवरे ना रह सकूँ।।
तर्ज – मेरे प्यार को तुम।
ऐसा क्या काम भला,
जो गोकुल छोड़ चले,
हम मर जाएँगे श्याम,
तेरी यादों के तले,
हम मर जाएँगे श्याम,
तेरी यादों के तले,
इससे ज्यादा सांवरे,
और क्या कहूँ,
ना जी सकूँ मैं ना मर सकूँ,
ना जी सकूँ मैं ना मर सकूँ,
तेरे बिना साँवरे ना रह सकूँ।।
हमने तो श्याम प्रभु,
तुम्हे सबकुछ माना था,
क्यूँ साथ दिया तुमने,
गर छोड़ के जाना था,
क्यूँ साथ दिया तुमने,
गर छोड़ के जाना था,
दूरियां सांवरे ना सह सकूँ,
दूरियां सांवरे ना सह सकूँ,
ना जी सकूँ मैं ना मर सकूँ,
ना जी सकूँ मैं ना मर सकूँ,
तेरे बिना साँवरे ना रह सकूँ।।
‘सूरज रोहटीया’ भी,
मानेगा हार नहीं,
इक बार ये कह दो श्याम,
राधा से प्यार नहीं,
इक बार ये कह दो श्याम,
राधा से प्यार नहीं,
तेरे आगे सांवरे प्राण हरु,
तेरे आगे सांवरे प्राण हरु,
ना जी सकूँ मैं ना मर सकूँ,
ना जी सकूँ मैं ना मर सकूँ,
तेरे बिना साँवरे ना रह सकूँ।।
तेरे बिना सांवरे ना रह सकूँ,
ना जी सकूँ मैं ना मर सकूँ,
ना जी सकूँ मैं ना मर सकूँ,
तेरे बिना साँवरे ना रह सकूँ।।
गायक – पंकज रोहटीया।
