- – यह भजन प्रभु के चरणों में समर्पण और शरण लेने की भावना को व्यक्त करता है।
- – जीवन की डोर प्रभु के हाथों में सौंपने और पूरी तरह निर्भर रहने का संदेश है।
- – सांसों, दिल और आँखों की हर क्रिया प्रभु की कृपा और शक्ति से जुड़ी हुई है।
- – भजन में सतगुरु के दर्शन की तीव्र इच्छा और उनके चरणों में स्थायी निवास की प्रार्थना की गई है।
- – लेखक शिवनारायण वर्मा ने इस भजन के माध्यम से भक्ति और श्रद्धा की गहराई को प्रस्तुत किया है।
तेरे चरणो मे डेरा डाल दिया है,
डाल दिया है,
तेरी आए शरण कर दो मैहर,
तेरे चरणो मे डेरा डाल दिया है।।
तर्ज – तुझे जीवन की डोर से बाँध।
मेरे जीवन की नैया का नाविक है तू,
सारी दुनिया का भी दाता पालक है तू,
तेरे हाथो मे दी डोर सोँप मैने,
प्रभू अब ये जीवन तुझ पर निर्भर
तेरे चरणो मे डेरा डाल दिया है।।
मेरी साँसो मे वायू तेरे दम से है,
दिल धड़कता है दाता तेरे दम से ये,
मेरी आँखे भी देखे तेरे दम से है,
तेरी नैमत ये तन है गुरुवर,
तेरे चरणो मे डेरा डाल दिया है।।
तेरे दर्शन के प्यासे है नैना मेरे,
मेरी आँखो मे बस जाओ दाता मेरे,
मेरी पलको का बन जाओ सतगुरु अँजन,
प्रभू दे दो दर्शन,
तेरे चरणो मे डेरा डाल दिया है।।
तेरे चरणो मे डेरा डाल दिया है,
डाल दिया है,
तेरी आए शरण कर दो मैहर,
तेरे चरणो मे डेरा डाल दिया है।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
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